Baarish Evergreen Sayri in Hindi | Shayari on Barish in Hindi

July 30, 2020

नसीब की बारिश कुछ इस तरह से होती रही मुझ पे...
ख्वाहिशे सुखती रही और पलके भीगती रही

Naseeb Ki Barish Kuch is Tarah Se Hoti Rahi Mujh Pe...
Khwahishe Sukhati Rahee Aur Palake Bheegti Rahee

Read More

Husband and Wife Jokes in English

July 27, 2020


Husband and Wife Jokes in English

Husband borrowed Rs.250 from the wife.
After a few days, He again borrowed Rs.250. After a few days, she asked the husband to return the money.

When asked how much the wife said that he owes her Rs.4100.

On request, below Calculations given his wife.

1) Rs. 2   5   0
2) Rs. 2   5   0
          ————
    Rs. 4  10  0

Husband is still finding the school where she learned Maths.

Later  Husband gave her Rs.400 back and asked how much balance he has to payback

She wrote:

Rs. 4100
Rs. 400
————-
       0100

He gave back Rs.100.
Both lived happily ever after....
Only maths died.

TAG:
Husband and Wife Jokes in English,Pati Patni Jokes in English 2021,Pati Patni Jokes in English for Whatsapp,Pati Patni Jokes in English Latest

Read More

Who is the winner of IPL in 2020?

July 24, 2020

BSDK Suru to Hone De


WHO IS THE WINNER OF IPL IN 2020? @BHATKA_HUA_ASHIQ; BSDK SURU TO HONE DE | IPL jokes | ipl memes

Read More

Bharat Varshonnati Kaise Ho Sakti Hai | भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है

July 22, 2020

आज बड़े आनंद का दिन है कि छोटे से नगर बलिया में हम इतने मनुष्यों को एक बड़े उत्साह से एक स्थान पर देखते हैं। इस अभागे आलसी देश में जो कुछ हो जाए वही बहुत है। बनारस ऐसे-ऐसे बड़े नगरों में जब कुछ नहीं होता तो हम यह न कहेंगे कि बलिया में जो कुछ हमने देखा वह बहुत ही प्रशंसा के योग्य है। इस उत्साह का मूल कारण जो हमने खोजा तो प्रगट हो गया कि इस देश के भाग्य से आजकल यहाँ सारा समाज ही एकत्र है। राबर्ट साहब बहादुर ऐसे कलेक्टर जहाँ हो वहाँ क्यों न ऐसा समाज हो। जिस देश और काल में ईश्वर ने अकबर को उत्पन्न किया था उसी में अबुलफजल, बीरबल,टोडरमल को भी उत्पन्न किया। यहाँ राबर्ट साहब अकबर हैं जो मुंशी चतुर्भुज सहाय, मुंशी बिहारीलाल साहब आदि अबुलफजल और टोडरमल हैं। हमारे हिंदुस्तानी लोग तो रेल की गाड़ी है। यद्यपि फर्स्ट क्लास, सैकेंड क्लास आदि गाड़ी बहुत अच्छी-अच्छी और बड़े-बड़े महसूल की इस ट्रेन में लगी है पर बिना इंजिन सब नहीं चल सकती वैसी ही हिंदुस्तानी लोगों को कोई चलाने वाला हो तो ये क्या नहीं कर सकते। इनसे इतना कह दीजिए 'का चुप साधि रहा बलवाना' फिर देखिए हनुमानजी को अपना बल कैसा याद आता है। सो बल कौन याद दिलावे। हिंदुस्तानी राजे-महाराजे, नवाब, रईस या हाकिम। राजे-महाराजों को अपनी पूजा, भोजन, झूठी गप से छुट्टी नहीं। हाकिमों को कुछ तो सरकारी काम घेरे रहता है कुछ बाल-घुड़दौड़, थियेटर में समय लगा। कुछ समय बचा भी तो उनको क्या गरह है कि हम गरीब, गंदे, काले आदमियों से मिल कर अपना अनमोल समय खोवें। बस यही मसल रही -

"तुम्हें गैरों से कब फुरसत, हम अपने गम से कब खाली।
चलो बस हो चुका मिलना न हम खाली न तुम खाली॥"

तीन मेंढ़क एक के ऊपर एक बैठे थे। ऊपर वाले ने कहा, 'जौक शौक', बीच वाल बोला, 'गम सम',सब के नीचे वाला पुकारा, 'गए हम'। सो हिंदुस्तान की प्रजा की दशा यही है 'गए हम'। पहले भी जब आर्य लोग हिंदुस्तान में आकर बसे थे राजा और ब्राह्मणों के जिम्मे यह काम था कि देश में नाना प्रकार की विद्या और नीति फैलावें और अब भी ये लोग चाहें तो हिंदुस्तान प्रतिदिन क्या प्रतिछिन बढ़े। पर इन्हीं लोगों को निकम्मेपन ने घेर रखा है। 'बोद्धारो मत्सरग्रस्ताः प्रभवः समर दूषिताः' हम नहीं समझते कि इनको लाज भी क्यों नहीं आती कि उस समय में जबकि इनके पुरुखों के पास कोई भी सामान नहीं था तब उन लोगों ने जंगल में पत्ते और मिट्टी की कुटियों में बैठ कर बाँस की नालियों से जो तारा, ग्रह आदि बेध कर के उनकी गति लिखी है वह ऐसी ठीक है कि सोलह लाख रुपए की लागत से विलायत में जो दूरबीन बनी है उनसे उन ग्रहों को वेध करने में भी ठीक वही गति आती है और अब आज इस काल में हम लोगों की अंग्रेजी विद्या के और जनता की उन्नति से लाखों पुस्तकें और हजारों यंत्र तैयार हैं जब हम लोग निरी चुंगी की कतवार फेंकने की गाड़ी बन रहे हैं। यह समय ऐसा है कि उन्नति की मानो घुड़दौड़ हो रही है। अमेरिकन, ‍‍अंग्रेज, फरांसीस आदि तुरकी-ताजी सब सरपट्ट दौड़े जाते हैं। सब के जी में यही है कि पाला हमी पहले छू लें। उस समय हिंदू का टियावाड़ी खाली खड़े-खड़े टाप से मिट्टी खोदते हैं। इनको औरों को जाने दीजिए जापानी टट्टुओं को हाँफते हुए दौड़ते देख कर के भी लाज नहीं आती। यह समय ऐसा है कि जो पीछे रह जाएगा फिर कोटि उपाय किए भी आगे न बढ़ सकेगा। लूट की इस बरसात में भी जिस के सिर पर कम्बख्ती का छाता और आँखों में मूर्खता की पट्टी बँधी रहे उन पर ईश्वर का कोप ही कहना चाहिए।

मुझको मेरे मित्रों ने कहा था कि तुम इस विषय पर आज कुछ कहो कि हिंदुस्तान की कैसे उन्नति हो सकती है। भला इस विषय पर मैं और क्या कहूँ भागवत में एक श्लोक है - "नृदेहमाद्यं सुलभं सुदुर्लभं प्लवं सुकल्पं गुरुकर्णधारं मयाsनुकूलेन तपः स्वतेरितं पुमान भवाब्धि न तरेत स आत्महा।" भगवान कहते हैं कि पहले तो मनुष्य जन्म ही दुर्लभ है सो मिला और उस पर गुरु की कृपा और उस पर मेरी अनुकूलता। इतना सामान पाकर भी मनुष्य इस संसार सागर के पार न जाए उसको आत्महत्यारा कहना चाहिए, वही दशा इस समय हिंदुस्तान की है। अंग्रेजों के राज्य में सब प्रकार का सामान पाकर, अवसर पा कर भी हम लोग जो इस समय उन्नति न करें तो हमारे केवल अभाग्य और परमेश्वर का कोप ही है। सास और अनुमोदन से एकांत रात में सूने रंग महल में जाकर भी बहुत दिनों से प्राण से प्यारे परदेसी पति से मिल कर छाती ठंडी करने की इच्छा भी उसका लाज से मुँह भी न देखे और बोले भी न तो उसका अभाग्य ही है। वह तो कल परदेस चला जाएगा। वैसे ही अंग्रेजों के राज्य में भी जो हम मेंढ़क, काठ के उल्लू, पिंजड़े के गंगाराम ही रहें तो फिर हमारी कमबख्त कमबख्ती फिर कमबख्ती ही है। बहुत लोग यह कहेंगे कि हमको पेट के धंधे के मारे छुट्टी ही नहीं रहती, बाबा, हम क्या उन्नति करें। तुम्हारा पेट भरा है तुम को दून की सूझती है। उसने एक हाथ से अपना पेट भरा दूसरे हाथ से उन्नति के काँटों को साफ किया। क्या इंग्लैंड में किसान, खेत वाले, गाड़ीवान, मजदूर, कोचवान आदि नहीं हैं? किसी देश में भी सभी पेट भरे हुए नहीं होते, किंतु वे लोग जहाँ खेत जोतते-बाते हैं वहीं उसके साथ यह भी सोचते हैं कि ऐसी कौन नई कल व मसाला बनावें जिससे इस खेत में आगे से दून अनाज उपजे। विलायत में गाड़ी के कोचवान भी अखबार पढ़ते हैं। जब मालिक उतरकर किसी दोस्त के यहाँ गया उसी समय कोचवान ने गद्दी के नीचे से अखबार निकाला। यहाँ उतनी देर कोचवान हुक्का पिएगा या गप्प करेगा। सो गप्प भी निकम्मी। वहाँ के लोग गप्प ही में देश के प्रबंध छाँटते हैं। सिद्धांत यह कि वहाँ के लोगों का यह सिद्धांत है कि एक छिन भी व्यर्थ न जाए। उसके बदले यहाँ के लोगों को जितना निकम्मापन हो उतना ही बड़ा अमीर समझा जाता है। आलस्य यहाँ इतनी बढ़ गई कि मलूकदास ने दोहा ही बना डाला -

"अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम।
दास मलूका कहि गए सबके दाता राम॥"

चारों ओर आँख उठाकर देखिए तो बिना काम करने वालों की ही चारों ओर बढ़ती है। रोजगार कहीं कुछ भी नहीं है अमीरों, मुसाहिबी, दल्लालों या अमीरों के नौजवान लड़कों को खराब करना या किसी की जमा मार लेना इनके सिवा बतलाइए और कौन रोजगार है जिससे कुछ रुपया मिले। चारों ओर दरिद्रता की आग लगी हुई है किसी ने बहुत ठीक कहा है कि दरिद्र कुटुंबी इस तरह अपनी इज्जत को बचाता फिरता है जैसे लाजवंती बहू फटें कपड़ों में अपने अंग को छिपाए जाती है। वही दशा हिंदुस्तान की है। मुर्दम-शुमारी का रिपोर्ट देखने से स्पष्ट होता है कि मनुष्य दिन-दिन यहाँ बढ़ते जाते हैं और रुपया दिन-दिन कमती होता जाता है। सो अब बिना ऐसा उपाय किए काम नहीं चलेगा कि रुपया भी बढ़े और वह रुपया बिना बुद्धि के न बढ़ेगा। भाइयों, राजा-महाराजों का मुँह मत देखो। मत यह आशा रखो कि पंडित जी कथा में ऐसा उपाय बतलाएँगे कि देश का रुपया और बुद्धि बढ़े। तुम आप ही कमर कसो, आलस छोड़ो, कब तक अपने को जंगली, हूस, मूर्ख, बोदे, डरपोक पुकरवाओगे। दौड़ो इस घुड़दौड़ में, जो पीछे पड़े तो फिर कहीं ठिकाना नहीं है। 'फिर कब-कब राम जनकपुर एहै' अब की जो पीछे पड़े तो फिर रसातल ही पहुँचोगे। जब पृथ्वीराज को कैद कर के गोर ले गए तो शहाबुद्दीन के भाई गयासुद्दीन से किसी ने कहा कि वह शब्दबेधी बाण बहुत अच्छा मारता है। एक दिन सभी नियत हुई और सात लोहे के तावे बाण से फोड़ने को रखे गए। पृथ्वीराज को लोगों ने पहिले से ही अंधा कर दिया था। संकेत यह हुआ कि जब गयासुद्दीन 'हूँ' करे तब वह तावे पर बाण मारे। चंद कवि भी उसके साथ कैदी था। यह सामान देख कर उसने यह दोहा पढ़ा -

"अब की चढ़ी कमान को जाने फिर कब चढ़े।
जिन चूके चहुआज इक्के मारय इक्क सर।"

उसका संकेत समझ कर जब गयासुद्दीन ने 'हूँ' किया तो पृथ्वीराज ने उसी को बाण मार दिया। वही बात अब है। 'अब की चढ़ी' इस समय में सरकार का राज्य पाकर और उन्नति का इतना सामान पाकर भी तुम लोग अपने को न सुधारों तो तुम्हीं रहो और वह सुधारना भी ऐसा होना चाहिए कि सब बात में उन्नति हो। धर्म में, घर के काम में, बाहर के काम में, रोजगार में, शिष्टाचार में, चाल चलन में, शरीर में,बल में, समाज में, युवा में, वृद्ध में, स्त्री में, पुरुष में, अमीर में, गरीब में, भारतवर्ष की सब आस्था, सब जाति,सब देश में उन्नति करो। सब ऐसी बातों को छोड़ो जो तुम्हारे इस पथ के कंटक हों। चाहे तुम्हें लोग निकम्मा कहें या नंगा कहें, कृस्तान कहें या भ्रष्ट कहें तुम केवल अपने देश की दीन दशा को देखो और उनकी बात मत सुनो। अपमान पुरस्कृत्य मानं कृत्वा तु पृष्ठतः स्वकार्य साधयेत धीमान कार्यध्वंसो हि मूर्खता। जो लोग अपने को देश-हितैषी मानते हों वह अपने सुख को होम करके, अपने धन और मान का बलिदान करके कमर कस के उठो। देखा-देखी थोड़े दिन में सब हो जाएगा। अपनी खराबियों के मूल कारणों को खोजो। कोई धर्म की आड़ में, कोई सुख की आड़ में छिपे हैं। उन चोरों को वहाँ-वहाँ से पकड़ कर लाओ। उनको बाँध-बाँध कर कैद करो। हम इससे बढ़कर क्या कहें कि जैसे तुम्हारे घर में कोई पुरुष व्याभिचार करने आवे तो जिस क्रोध से उसको पकड़कर मारोगे और जहाँ तक तुम्हारे में शक्ति होगी उसका सत्यानाश करोगे उसी तरह इस समय जो-जो बातें तुम्हारे उन्नति पथ की काँटा हों उनकी जड़ खोद कर फेंक दो। कुछ मत डरो। जब तक सौ, दो सौ मनुष्य बदनाम न होंगे, जात से बाहर न निकाले जाएँगे , दरिद्र न हो जाएँगे , कैद न होंगे वरंच जान से न मारे जाएँगे तब तक कोई देश न सुधरेगा।

अब यह प्रश्न होगा कि भई हम तो जानते ही नहीं कि उन्नति और सुधारना किस चिड़िया का नाम है। किस को अच्छा समझे। क्या लें क्या छोड़ें तो कुछ बातें जो इस शीघ्रता से मेरे ध्यान में आती हैं उनको मैं कहता हूँ सुनो -

सब सुन्नियों का मूल धर्म है। इससे सबसे पहले धर्म की ही उन्नति करनी उचित है। देखो अंग्रेजों की धर्मनीति राजनीति परस्पर मिली है इससे उनकी दिन-दिन कैसी उन्नति हुई है। उनको जाने दो अपने ही यहाँ देखो। तुम्हारे धर्म की आड़ में नाना प्रकार की नीति समाजगठन वैद्यक आदि भरे हुए हैं। दो-एक मिसाल सुनो तुम्हारा बलिया के मेला का यहीं स्थान क्यों चुना गया है जिसमें जो लोग कभी आपस में नहीं मिलते। दस-दस, पाँच-पाँच कोस से ले लोग एक जगह एकत्र होकर आपस में मिलें। एक दूसरे का दुःख-सुख जानें। गृहस्थी के काम की वह चीजें जो गाँव में नहीं मिलतीं यहाँ से ले जाएँ। एकादशी का व्रत क्यों रखा है? जिसमें महिने में दो-एक उपवास से शरीर शुद्ध हो जाए। गंगाजी नहाने जाते हैं तो पहले पानी सिर पर चढ़ा कर तब पैर पर डालने का विधान क्यों है? जिससे तलुए से गरमी सिर पर चढ़कर विकार न उत्पन्न करे। दीवाली इसी हेतु है कि इसी बहाने सालभर में एक बार तो सफाई हो जाए। होली इसी हेतु है कि बसंत की बिगड़ी हवा स्थान-स्थान पर अग्नि जलने से स्वच्छ हो जाए। यही तिहवार ही तुम्हारी म्युनिसिपालिटी है। ऐसे ही सब पर्व, सब तीर्थ, व्रत आदि में कोई हीकमत है। उन लोगों ने धर्मनीति और समाजनीति को दूध पानी की भाँति मिला दिया है। खराबी जो बीच में हुई वह यह है कि उन लोगों ने ये धर्म क्यों मानने लिखे थे। इसका लोगों ने मतलब नहीं समझा और इन बातों को वास्तविक धर्म मान लिया। भाइयों, वास्तविक धर्म तो केवल परमेश्वर के चरणकमल का भजन है। ये सब तो समाज धर्म है। जो देश काल के अनुसार शोधे और बदले जा सकते हैं। दूसरी खराबी यह हुई कि उन्हीं महात्मा बुद्धिमान ऋषियों के वंश के लोगों ने अपने बाप-दादों का मतलब न समझकर बहुत से नए-नए धर्म बना कर शास्त्रों में धर दिए बस सभी तिथि व्रत और सभी स्थान तीर्थ हो गए। सो इन बातों को अब एक बार आँख खोल कर देख और समझ लीजिए कि फलानी बात उन बुद्धिमान ऋषियों ने क्यों बनाई और उनमें देश और काल के अनुकूल और उपकारी हों उनका ग्रहण कीजिए। बहुत-सी बातें जो समाज विरुद्ध मानी जाती हैं किंतु धर्मशास्त्रों में जिनका विधान है उनको मत चलाइए। जैसा जहाज का सफर, विधवा-विवाह आदि। लड़कों की छोटेपन ही में शादी करके उनका बल,बीरज, आयुष्य सब मत घटाइए। आप उनके माँ-बाप हैं या शत्रु हैं। वीर्य उनके शरीर में पुष्ट होने दीजिए। नोन, तेल लकड़ी की फिक्र करने की बुद्धि सीख लेने दीजिए तब उनका पैर काठ में डालिए। कुलीन प्रथा,बहु विवाह आदि को दूर कीजिए। लड़कियों को भी पढ़ाइए किंतु इस चाल में नहीं जैसे आजकल पढ़ाई जाती है जिससे उपकार के बदले बुराई होती है ऐसी चाल से उनको शिक्षा दीजिए कि वह अपना देश और कुल-धर्म सीखें, पति की भक्ति करें और लड़कों को सहज में शिक्षा दें। वैष्णव, शास्त्र इत्यादि नाना प्रकार के लोग आपस में बैर छोड़ दें यह समय इन झगड़ों का नहीं। हिंदू, जैन, मुसलमान सब आपस में मिलिए जाति में कोई चाहे ऊँचा हो, चाहे नीचा हो सबका आदर कीजिए। जो जिस योग्य हो उसे वैसा मानिए,छोटी जाति के लोगों का तिरस्कार करके उनका जी मत तोड़िए। सब लोग आपस में मिलिए। मुसलमान भाइयों को भी उचित है कि इस हिंदुस्तान में बस कर वे लोग हिंदुओं को नीचा समझना छोड़ दें। ठीक भाइयों की भाँति हिंदुओं से बरताव करें। ऐसी बात जो हिंदुओं का जी दुखाने वाली हो न करें। घर में आग लगे सब जिठानी, द्यौरानी को आपस का डाह छोड़ कर एकसाथ वह आग बुझानी चाहिए। जो बात हिंदुओं का नहीं मयस्सर है वह धर्म के प्रभाव से मुसलमानों को सहज प्राप्त है। उनके जाति नहीं, खाने-पीने में चौका-चूल्हा नहीं, विलायत जाने में रोक-टोक नहीं, फिर भी बड़े ही सोच की बात है कि मुसलमानों ने अभी तक अपनी दशा कुछ नहीं सुधारी। अभी तक बहुतों को यही ज्ञात है कि दिल्ली,लखनऊ की बादशाहत कायम है। यारो, वे दिन गए। अब आलस, हठधरमी यह सब छोड़ो। चलो हिंदुओं के साथ तुम भी दौड़ो एक-एक-दो होंगे। पुरानी बातें दूर करो। मीर हसन और इंदरसभा पढ़ा कर छोटेपन ही से लड़कों का सत्यानाश मत करो। होश संभाला नहीं कि पढ़ी पारसी, चुस्त कपड़ा पहनना और गजल गुनगुनाए -

"शौक तिल्फी से मुझे गुल की जो दीदार का था।
न किया हमने गुलिस्ताँ का सबक याद कभी॥"

भला सोचो कि इस हालत में बड़े होने पर वे लड़के क्यों न बिगड़ेंगे। अपने लड़कों को ऐसी किताबें छूने भी मत दो। अच्छी से अच्छी उनको तालीम दो। पैंशन और वजीफे या नौकरी का भरोसा छोड़ो। लड़कों को रोजगार सिखलाओ। विलायत भेजो। छोटेपन से मेहनत करने की आदत दिलाओ। सौ-सौ महलों के लाड़-प्यार, दुनिया से बेखबर रहने की राह मत दिखलाओ।

भाई हिंदुओं, तुम भी मतमतांतरों का आग्रह छोड़ो। आपस में प्रेम बढ़ाओ। इस महामंत्र का जप करो। जो हिंदुस्तान में रहे चाहे किसी जाति, किसी रंग का क्यों न हो वह हिंदू है। हिंदू की सहायता करो। बंगाली, मरट्ठा, पंजाबी, मदरासी, वैदिक, जैन, ब्राह्मणों, मुसलमानों सब एक का हाथ एक पकड़ो। कारीगरी जिससे तुम्हारे यहाँ बढ़े तुम्हारा रुपया तुम्हारे ही देश में रहे वह करो। देखा जैसे हजार धारा होकर गंगा समुद्र में मिली है वैसे ही तुम्हारी लक्ष्मी हजार तरह से इंग्लैंड, फरांसीस, जर्मनी, अमेरिका को जाती है। दीआसलाई ऐसी तुच्छ वस्तु भी वहीं से आती है। जरा अपने ही को देखो। तुम जिस मारकीन की धोती पहने हो वह अमेरिका की बनी है। जिस लकलाट का तुम्हारा अंगा है वह इंग्लैंड का है। फरांसीस की बनी कंघी से तुम सिर झारते हो और जर्मनी की बनी चरबी की बत्ती तुम्हारे सामने जल रही है। यह तो वही मसल हुई एक बेफिकरे मंगती का कपड़ा पहिन कर किसी महफिल में गए। कपड़े को पहिचान कर एक ने कहा - अजी अंगा तो फलाने का हे, दूसरा बोला अजी टोपी भी फलाने की है तो उन्होंने हँस कर जवाब दिया कि घर की तो मूछें ही मूछें हैं। हाय अफसोस तुम ऐसे हो गए कि अपने निज की काम के वस्तु भी नहीं बना सकते। भइयों अब तो नींद से जागो। अपने देश की सब प्रकार से उन्नति करो। जिसमें तुम्हारी भलाई हो वैसी ही किताब पढ़ो। वैसे ही खेल खेलो। वैसा बातचीत करो। परदेसी वस्तु और परदेसी भाषा का भरोसा मत रखो अपने में अपनी भाषा में उन्नति करो।

- भारतेंदु हरिश्चंद्र

[बलिया में ददरी के मेले के समय अर्य देशोपकारिणी सभा में दिया गया भाषण]


Aaj Bade Aanand Ka Din Hai Ki Chhote Se Nagar Baliya Mein Ham Itane Manushyon Ko Ek Bade Utsaah Se Ek Sthaan Par Dekhate Hain. Is Abhaage Aalasee Desh Mein Jo Kuchh Ho Jae Vahee Bahut Hai. Banaaras Aise-aise Bade Nagaron Mein Jab Kuchh Nahin Hota to Ham Yah Na Kahenge Ki Baliya Mein Jo Kuchh Hamane Dekha Vah Bahut Hee Prashansa Ke Yogy Hai. Is Utsaah Ka Mool Kaaran Jo Hamane Khoja to Pragat Ho Gaya Ki is Desh Ke Bhaagy Se Aajakal Yahaan Saara Samaaj Hee Ekatr Hai. Raabart Saahab Bahaadur Aise Kalektar Jahaan Ho Vahaan Kyon Na Aisa Samaaj Ho. Jis Desh Aur Kaal Mein Eeshvar Ne Akabar Ko Utpann Kiya Tha Usee Mein Abulaphajal, Beerabal,todaramal Ko Bhee Utpann Kiya. Yahaan Raabart Saahab Akabar Hain Jo Munshee Chaturbhuj Sahaay, Munshee Bihaareelaal Saahab Aadi Abulaphajal Aur Todaramal Hain. Hamaare Hindustaanee Log to Rel Kee Gaadee Hai. Yadyapi Pharst Klaas, Saikend Klaas Aadi Gaadee Bahut Achchhee-achchhee Aur Bade-bade Mahasool Kee is Tren Mein Lagee Hai Par Bina Injin Sab Nahin Chal Sakatee Vaisee Hee Hindustaanee Logon Ko Koee Chalaane Vaala Ho to Ye Kya Nahin Kar Sakate. Inase Itana Kah Deejie Ka Chup Saadhi Raha Balavaana Phir Dekhie Hanumaanajee Ko Apana Bal Kaisa Yaad Aata Hai. So Bal Kaun Yaad Dilaave. Hindustaanee Raaje-mahaaraaje, Navaab, Raees Ya Haakim. Raaje-mahaaraajon Ko Apanee Pooja, Bhojan, Jhoothee Gap Se Chhuttee Nahin. Haakimon Ko Kuchh to Sarakaaree Kaam Ghere Rahata Hai Kuchh Baal-ghudadaud, Thiyetar Mein Samay Laga. Kuchh Samay Bacha Bhee to Unako Kya Garah Hai Ki Ham Gareeb, Gande, Kaale Aadamiyon Se Mil Kar Apana Anamol Samay Khoven. Bas Yahee Masal Rahee -

"Tumhen Gairon Se Kab Phurasat, Ham Apane Gam Se Kab Khaalee.

Chalo Bas Ho Chuka Milana Na Ham Khaalee Na Tum Khaalee."

Teen Mendhak Ek Ke Oopar Ek Baithe the. Oopar Vaale Ne Kaha, Jauk Shauk, Beech Vaal Bola, Gam Sam,sab Ke Neeche Vaala Pukaara, Gae Ham. So Hindustaan Kee Praja Kee Dasha Yahee Hai Gae Ham. Pahale Bhee Jab Aary Log Hindustaan Mein Aakar Base the Raaja Aur Braahmanon Ke Jimme Yah Kaam Tha Ki Desh Mein Naana Prakaar Kee Vidya Aur Neeti Phailaaven Aur Ab Bhee Ye Log Chaahen to Hindustaan Pratidin Kya Pratichhin Badhe. Par Inheen Logon Ko Nikammepan Ne Gher Rakha Hai. Boddhaaro Matsaragrastaah Prabhavah Samar Dooshitaah Ham Nahin Samajhate Ki Inako Laaj Bhee Kyon Nahin Aatee Ki Us Samay Mein Jabaki Inake Purukhon Ke Paas Koee Bhee Saamaan Nahin Tha Tab Un Logon Ne Jangal Mein Patte Aur Mittee Kee Kutiyon Mein Baith Kar Baans Kee Naaliyon Se Jo Taara, Grah Aadi Bedh Kar Ke Unakee Gati Likhee Hai Vah Aisee Theek Hai Ki Solah Laakh Rupe Kee Laagat Se Vilaayat Mein Jo Doorabeen Banee Hai Unase Un Grahon Ko Vedh Karane Mein Bhee Theek Vahee Gati Aatee Hai Aur Ab Aaj is Kaal Mein Ham Logon Kee Angrejee Vidya Ke Aur Janata Kee Unnati Se Laakhon Pustaken Aur Hajaaron Yantr Taiyaar Hain Jab Ham Log Niree Chungee Kee Katavaar Phenkane Kee Gaadee Ban Rahe Hain. Yah Samay Aisa Hai Ki Unnati Kee Maano Ghudadaud Ho Rahee Hai. Amerikan, ‍‍angrej, Pharaansees Aadi Turakee-taajee Sab Sarapatt Daude Jaate Hain. Sab Ke Jee Mein Yahee Hai Ki Paala Hamee Pahale Chhoo Len. Us Samay Hindoo Ka Tiyaavaadee Khaalee Khade-khade Taap Se Mittee Khodate Hain. Inako Auron Ko Jaane Deejie Jaapaanee Tattuon Ko Haanphate Hue Daudate Dekh Kar Ke Bhee Laaj Nahin Aatee. Yah Samay Aisa Hai Ki Jo Peechhe Rah Jaega Phir Koti Upaay Kie Bhee Aage Na Badh Sakega. Loot Kee is Barasaat Mein Bhee Jis Ke Sir Par Kambakhtee Ka Chhaata Aur Aankhon Mein Moorkhata Kee Pattee Bandhee Rahe Un Par Eeshvar Ka Kop Hee Kahana Chaahie.

Mujhako Mere Mitron Ne Kaha Tha Ki Tum is Vishay Par Aaj Kuchh Kaho Ki Hindustaan Kee Kaise Unnati Ho Sakatee Hai. Bhala is Vishay Par Main Aur Kya Kahoon Bhaagavat Mein Ek Shlok Hai - "Nrdehamaadyan Sulabhan Sudurlabhan Plavan Sukalpan Gurukarnadhaaran Mayaasnukoolen Tapah Svateritan Pumaan Bhavaabdhi Na Taret Sa Aatmaha." Bhagavaan Kahate Hain Ki Pahale to Manushy Janm Hee Durlabh Hai So Mila Aur Us Par Guru Kee Krpa Aur Us Par Meree Anukoolata. Itana Saamaan Paakar Bhee Manushy is Sansaar Saagar Ke Paar Na Jae Usako Aatmahatyaara Kahana Chaahie, Vahee Dasha is Samay Hindustaan Kee Hai. Angrejon Ke Raajy Mein Sab Prakaar Ka Saamaan Paakar, Avasar Pa Kar Bhee Ham Log Jo is Samay Unnati Na Karen to Hamaare Keval Abhaagy Aur Parameshvar Ka Kop Hee Hai. Saas Aur Anumodan Se Ekaant Raat Mein Soone Rang Mahal Mein Jaakar Bhee Bahut Dinon Se Praan Se Pyaare Paradesee Pati Se Mil Kar Chhaatee Thandee Karane Kee Ichchha Bhee Usaka Laaj Se Munh Bhee Na Dekhe Aur Bole Bhee Na to Usaka Abhaagy Hee Hai. Vah to Kal Parades Chala Jaega. Vaise Hee Angrejon Ke Raajy Mein Bhee Jo Ham Mendhak, Kaath Ke Ulloo, Pinjade Ke Gangaaraam Hee Rahen to Phir Hamaaree Kamabakht Kamabakhtee Phir Kamabakhtee Hee Hai. Bahut Log Yah Kahenge Ki Hamako Pet Ke Dhandhe Ke Maare Chhuttee Hee Nahin Rahatee, Baaba, Ham Kya Unnati Karen. Tumhaara Pet Bhara Hai Tum Ko Doon Kee Soojhatee Hai. Usane Ek Haath Se Apana Pet Bhara Doosare Haath Se Unnati Ke Kaanton Ko Saaph Kiya. Kya Inglaind Mein Kisaan, Khet Vaale, Gaadeevaan, Majadoor, Kochavaan Aadi Nahin Hain? Kisee Desh Mein Bhee Sabhee Pet Bhare Hue Nahin Hote, Kintu Ve Log Jahaan Khet Jotate-baate Hain Vaheen Usake Saath Yah Bhee Sochate Hain Ki Aisee Kaun Naee Kal Va Masaala Banaaven Jisase is Khet Mein Aage Se Doon Anaaj Upaje. Vilaayat Mein Gaadee Ke Kochavaan Bhee Akhabaar Padhate Hain. Jab Maalik Utarakar Kisee Dost Ke Yahaan Gaya Usee Samay Kochavaan Ne Gaddee Ke Neeche Se Akhabaar Nikaala. Yahaan Utanee Der Kochavaan Hukka Piega Ya Gapp Karega. So Gapp Bhee Nikammee. Vahaan Ke Log Gapp Hee Mein Desh Ke Prabandh Chhaantate Hain. Siddhaant Yah Ki Vahaan Ke Logon Ka Yah Siddhaant Hai Ki Ek Chhin Bhee Vyarth Na Jae. Usake Badale Yahaan Ke Logon Ko Jitana Nikammaapan Ho Utana Hee Bada Ameer Samajha Jaata Hai. Aalasy Yahaan Itanee Badh Gaee Ki Malookadaas Ne Doha Hee Bana Daala -

"Ajagar Kare Na Chaakaree Panchhee Kare Na Kaam.

Daas Malooka Kahi Gae Sabake Daata Raam."



Read More

लड़की को इम्प्रेस कैसे करे | How to impress a girl?

July 16, 2020

एक इंसान के रूप में, जरा सोचिए आपको क्या प्रभावित करेगा!

नहीं, मैं यहाँ मर्दाना इच्छाओं के बारे में बात नहीं कर रहा हूँ। वह भी एक इंसान है इसलिए उसके अनुसार व्यवहार करें।

  1. अपने इरादे साफ रखें। शरीर मन है यार। यदि आपके पास सिर्फ उसके पैंट के अंदर जाने का इरादा है, तो मुझ पर विश्वास करें, वह कुछ ही समय में यह नोटिस करेगी।
  2. उसे एक रानी की तरह महसूस करो। किसी अवसर की प्रतीक्षा न करें, बस जब भी संभव हो, उसे विशेष महसूस कराएं। लड़कियों का दिल बहुत कोमल होता है और उन्हें ऐसा महसूस होता है कि वह तुरंत पिघल जाती हैं।
  3. उसके "आरामदायक कोने" बनें। हां, हर लड़की को एक ऐसे लड़के की जरूरत होती है, जिसके साथ वह सहज महसूस करती हो।
  4. उसे सुने। हम लोगों के विपरीत, लड़कियां बहुत अधिक भावुक होती हैं। उन्हें हर हाल में किसी को सुनने की जरूरत है। इसलिए, उसे अपने दिल की बात कहने दीजिए।
  5. उसे सम्मान दें। रेंगना मत बेवकूफों की तरह घूरने से उसे तुरंत गुस्सा आ जाएगा।
  6. उसके पास मत जाओ! यह दुनिया यौन शिकारियों से भरी है इसलिए शुद्ध दिल वाला कोई हो। उसे पहला कदम रखने दें। यदि वह आप में रुचि रखती है, तो वह निश्चित रूप से एक कदम आगे बढ़ेगी।
  7. हास्यास्पद रहो। यह एक बिना दिमाग वाला है। लड़कियों को अच्छी समझ वाले लड़के पसंद आते हैं। लेकिन सुनिश्चित करें कि आप इसे अति नहीं करते हैं और # 5 नियम तोड़ते हैं।
  8. अपने शरीर की तुलना में अपने सिर में निवेश करें। इंटेलिजेंस दुनिया को चलता है। कुछ कौशल सीखें। खुद को हर संभव संभव जागरूक करें। अपने सीखने के चैनल खोलें।
  9. क्लास ओवर स्वैग। एक आदमी की तरह पोशाक। खुद को साफ-सुथरा और सही ढंग से तैयार रखें। अच्छा डियोड्रेंट या कोलोन पहनें।
  10. थोड़ा आत्मविश्वास रखें। आत्मविश्वास एक ऐसा गुण है जो धीरे-धीरे आता है, तुरन्त नहीं। आपको बहुत अभ्यास करना होगा और अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करना होगा। यह न केवल वहां की लड़कियों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि अच्छा आत्मविश्वास आपको एक सफल कैरियर भी दिला सकता है।
  11. खुद को फिट रखें। कोई भी व्यक्ति ऐसे व्यक्ति से प्यार नहीं करता है, जिसके पास किसी क्लिनिक या अस्पताल की प्रीमियम सदस्यता हो (सिर्फ मजाक कर रहा हो)। मैं यहां फिटनेस की बात कर रहा हूं, बॉडीबिल्डिंग की नहीं। फिटनेस एक जरूरी है। अच्छा खाएं, कसरत करें और ध्यान लगाएं।
  12. डींग न मारें हर कोई प्राकृतिक बात और डींग मारने के बीच अंतर देख सकता है। कोई भी आपकी कहानियों में दिलचस्पी नहीं रखता है जहां आप हमेशा नायक होते हैं। इसलिए वास्तविक बनो।
  13. मानसिक शक्ति। छोटे सामान पर मानसिक विराम नहीं होता है। चीजों को स्वीकार करना सीखें। धरोहर के बदले चीजों को ठीक करने का काम। एक आदमी के रूप में, रोना ठीक है, लेकिन रोना नहीं है।
  14. अपनी आक्रामकता पर नियंत्रण रखें। मैं भी एक लड़का हूं। मैं समझता हूं कि हमारे पास सभी मुद्दे हैं, लेकिन सिर्फ इसलिए कि आप किसी पर अपनी सारी आक्रामकता नहीं निकाल सकते। इसके बजाय, अपनी आक्रामकता को जिमिंग जैसी किसी लाभदायक चीज़ में बदलना सीखें।
  15. भरोसेमंद बनो। किसी के लिए वह किसी भी चीज़ पर निर्भर हो सकता है। बहाने मत दो। अपने वादे हमेशा निभाए।
  16. बाते कम काम ज्यादा। केवल यह कहने के बजाय कि "मैं ऐसा करने वाला हूं और वह एक दिन", बस करो, यार। अभिनय शब्दों की तुलना में जोर से बोलते हैं, हमेशा इसे ध्यान में रखें।
  17. सकारात्मकता का स्रोत बनें। सोशल मीडिया पर दुखद पोस्ट न करें जो यह दर्शाता है कि आपका जीवन कितना दुखी है। इसके बजाय, इतना सकारात्मक और आशावादी बनें जो उसे अपनी ओर आकर्षित करे।
  18. करिश्माई बनें। तो करिश्मा कोई मिथक नहीं है। किसी के साथ ऐसा व्यवहार करें कि कमरे में प्रवेश करते ही हर कोई आपसे बात करना चाहे। आपकी बॉडी लैंग्वेज, आपकी बुद्धिमत्ता, आपकी समझदारी, आपका सर्द स्तर, सामान संभालने की आपकी क्षमता, आपकी निर्णय लेने की शक्ति आदि सब कुछ एक आकर्षक करिश्मे में गिना जाता है।
  19. सर्वश्रेष्ठ बनो! आप कुछ भी हासिल करने से महज एक मानसिकता हैं। लड़कियों को ऐसे लोग पसंद होते हैं जो हर उस चीज में अच्छे होते हैं जो वे इस पर काम करती हैं।
  20. एक लक्ष्य है! एक भेड़ मत बनो और भीड़ का पालन करें। एक लक्ष्य है। इस पर रोजाना काम करें। अपने करियर पर ध्यान दें। बड़ी तस्वीर के बारे में सोचो।
  21. धूम्रपान न करें! मैंने कभी भी किसी भी लड़की को नहीं देखा जो धूम्रपान की आदत के साथ अपने साथी के साथ ठीक है।
  22. सभी को एक साथ रखने के लिए जानें। उसे "मैं तुम्हारे बिना मर जाऊंगा" पाठ और इस तरह से अन्य cringey सामान नहीं। यह गंभीरता से आश्वस्त नहीं है। आप ऐसा करके उसे और भी अधिक दोहरा रहे हैं।

Read More

सचिन पायलट द्वारा बनाए गए हंगामे में भाजपा की क्या भूमिका है? | What is the role of the BJP in the ruckus created by Sachin Pilot?

July 14, 2020

"बीजेपी के पास राजस्थान में कांग्रेस के संकट से कोई लेना-देना नहीं है, अगर किसी को भी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है तो वह है कांग्रेस।"

मैं सबूत के विभिन्न टुकड़ों के साथ अपने बयान का समर्थन कर रहा हूँ।

कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसे पार्टी के मेहनती सदस्यों के बजाय वफादार ' का समर्थन करने के लिए जाना जाता है । इसने जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष पैदा किया है और कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी पैदा की है।

  • ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बदसलूकी की

सिंधिया 2001 में कांग्रेस में शामिल हुए और जीत हासिल की थी लगातार तीन 2004, 2009 और 2014 वह के रूप में सेवा में गुना से लोकसभा चुनाव राज्य मंत्री के तहत यूपीए सरकार में वाणिज्य और उद्योग पोर्टफोलियो और सत्ता के लिए राज्य के मंत्री के बाद 2012 मंत्रिमंडल फेरबदल।

शिवराज सिंह के भाजपा के खिलाफ 2018 के मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव के अभियान का नेतृत्व करने के लिए सिंधिया को एक कठिन काम दिया गया था । उन्होंने चुनौती ली और कड़ी मेहनत से कांग्रेस की ओर रुख बदलने में सफल रहे 

दुर्भाग्य से, उन्हें उनकी कड़ी मेहनत के लिए सम्मानित नहीं किया गया , बल्कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह द्वारा दरकिनार कर दिया गया 

उन्हें कभी कांग्रेस द्वारा सीएम उम्मीदवार के रूप में भी नहीं माना गया था और उन्हें पीसीसी की कुर्सी से भी मना कर दिया गया था । अगले वर्ष वह खो लोकसभा चुनाव में और भी था प्रदर्शन के साथ उखड़ राज्य में कांग्रेस के।

इससे कांग्रेस पार्टी में निराशा और उसका अविश्वास पैदा हो गया और वह आखिरकार 11 मार्च, 2020 को भाजपा में शामिल हो गया 

क्या इसमें भाजपा की कोई भूमिका थी? नहीं!

  • कांग्रेस सचिन पायलट के साथ एक ही सुइट का अनुसरण करती है।

कांग्रेस के दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद गहलोत के साथ समस्या शुरू हो गई और पायलट के बजाय, जिन्होंने पार्टी को जीत की ओर अग्रसर किया , कांग्रेस ने गहलोत को सीएम पद के लिए चुना । बहुत अनुनय के बाद, पायलट डिप्टी सीएम पद और कुछ महत्वपूर्ण विभागों के लिए बस गए। तब से, दोनों ने एक दूसरे का नाम लिए बिना, सूक्ष्म तरीके से एक-दूसरे पर निशाना साधा है।

पायलट को कांग्रेस कमेटी द्वारा दरकिनार कर दिया गया है और हाल के नौकरशाही फेरबदल में, उन्हें अपनी पसंद के अधिकारियों को चुनने की भी अनुमति नहीं दी गई और उनके विभाग में नियुक्त अधिकारियों ने पायलट के साथ मतभेद साझा किए। पायलट और गहलोत अब लंबे समय से लॉगरहेड्स में हैं और बहुत बढ़ जाने के बाद, यहां तक ​​कि पायलट ने तंग आकर बदलाव की मांग की।

कपिल सिब्बल ने हाल के एक ट्वीट में अपनी चिंता व्यक्त की और कांग्रेस को अपने हाथों से बाहर जाने से पहले गंभीर बदलाव करने पर जोर दिया।

चित्र सौजन्य : कपिल सिब्बल ट्विटर अकाउंट

निष्कर्ष: यह कांग्रेस पार्टी है जो हंगामे के लिए खुद जिम्मेदार है जो पक्षपात और वंशवादी राजनीति की अपनी पुरानी प्रथाओं में निहित है । यह उच्च समय है कि यह गंभीर सुधार करता है और वफादार लोगों का पक्ष लेने के बजाय उनकी योग्यता के आधार पर लोगों को बढ़ावा देता है।

संपादित करें (14/07/2020): सचिन पायलट ने डिप्टी सीएम के साथ ही राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया। मुझे कांग्रेस से यही उम्मीद थी। उन्होंने एक और मणि को जाने दिया जो भविष्य में पार्टी के लिए चमत्कार कर सकता था। 2018 के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस के जीतने के पीछे सचिन पायलट प्रमुख कारण थे। इसने बहुत बुरी मिसाल कायम की है और इससे कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी बढ़ सकती है।

जय हिंद!

पढ़ने के लिए धन्यवाद।

Read More

8 Marvellous Places That Highly Demand Universal Attention

July 14, 2020


हमने दुनिया के सात अजूबों के बारे में बहुत सी कहानियां सुनी हैं। जिस तरह से वे बनाए गए थे। कैसे वे सभी प्रेम के पात्र थे।

लेकिन दुनिया भर में ऐसी कई जगहें हैं जो जितनी तेजस्वी हैं उतनी ही शानदार भी। लेकिन दुख की बात है कि कई कारणों से, उन्हें आवश्यक लाभ नहीं मिला।

जब पर्यटक उनसे मिलने आते हैं तो इन जगहों को आम तौर पर खोल दिया जाता है। और नीले रंग से बाहर, ये स्थान प्रसिद्ध हो जाते हैं। वे अपने अस्तित्व में इतने अनोखे हैं कि वास्तव में आश्चर्य होता है कि उनके निष्पादन के पीछे क्या था।

कौन था वह पागल प्रतिभा जिसने सोचा था, उसे कुछ इस तरह से आने दो? हम विशोरा में, आपको अद्भुत स्थानों से भरी इस यात्रा पर ले जाना चाहते हैं।

आप उनमें से जो बनाते हैं, उसका चुनाव करते हैं।

स्वर्ग, तुर्की में झूलते हुए

कुछ के लिए, झूलते हुए खुद को उच्च की भावना देता है। एक चीनी भीड़ जो अतुलनीय है। लेकिन ज़रा सोचिए, अगर हम आपसे कहें कि तुर्की में, आप स्वर्ग में अपना रास्ता बना सकते हैं, वाह!

लौवर पिरामिड, पेरिस

इसकी लुभावनी सुंदरता शुद्ध आनंद की चीज है। जो भी इस जगह पर गया है वह इसके जादू के लिए व्रत करेगा। हम निश्चित रूप से इस आश्चर्य की यात्रा करने की सिफारिश करेंगे और दुनिया को बताएंगे कि पेरिस, दुनिया के प्रेम शहर के पास एफिल टॉवर की तुलना में अधिक है।

डिजिटल फाउंटेन, यूएसए

पृथ्वी पर कैसे कोई भी इसे बनाने की कल्पना कर सकता है। सरासर सुंदरता की बात है, यह डिजिटल फव्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास से एक और दिमाग झुकने वाला आश्चर्य है

Jatayu, India

यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत में एक मिथक बनाया गया है। यह मूर्तिकला भगवान के अपने देश केरल में अपना स्थान पाता है। यह कम से कम कहने के लिए एक आश्चर्य रचना है।

गोल्डन ब्रिज, वियतनाम

क्या होगा अगर हम आपको बताएं, जब आप एक पुल पर चलते हैं, तो एक हाथ होता है जो आपको रखता है। और वे हाथ भारी हैं। उनके पास सैकड़ों समान लोग हैं।

वियतनाम में ऐसा ही एक सुनहरा पुल है, जो सुंदरता का एक प्रमुख विषय है।

सर्किल बिल्डिंग, चीन

एक बार जब आप इस वास्तुशिल्प चमत्कार पर पहुंच जाते हैं, तो हम आपको बता दें कि यह कच्चे माल के लिए दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र है। और यह मूल रूप से गुआंग्डोंग प्लास्टिक एक्सचेंज का नया घर है।

मिरर फाउंटेन, यूएसए

कितना अद्भुत होगा कि एक फव्वारा 360 डिग्री पर घूमता है और एक ही समय में पानी बाहर निकालता है। इस चमत्कार को अमरीका में दर्पण फव्वारा कहा जाता है।

पेनरोज़ फाउंटेन, यूएसए

संयुक्त राज्य अमेरिका में जूली पेनरोज़ फाउंटेन को कोलोराडो स्प्रिंग्स शहर में देखा जा सकता है। यह वातावरण और पृथ्वी के बीच की गतिविधियों को प्रदर्शित करता है जहां पर्यटक इस पार्क के अंदर टहलते हुए इस कलाकृति को देख सकते हैं।

Read More

5 REASONS WHY SACHIN PILOT WILL NOT JOIN BJP

July 12, 2020

Yesterday, Rajasthan Congress leader Sachin Pilot came to Delhi. Rumour has it that he also brought his 25 loyalist MLAs. While the mainstream media will write about how Pilot will join BJP and Congress govt will fall, I give you an alternative view: 5 reasons why Sachin Pilot will not join BJP

It is natural that people will compare this with the exodus of Jyotiraditya Scindia to BJP that also brought down Madhya Pradesh government. However, the similarities end here. It is more likely that the pilot is bargaining with his own party, especially in view of the notice against him by State Police, apparently at the behest of Ashok Gehlot. His interest is currently best served in Congress

Why Sachin Pilot will not join BJP

There are multiple reasons why Sachin Pilot is unlikely to join BJP. I will give you five major reasons here.

Sachin Pilot has real power in Rajsthan

Unlike Scindia, who was practically powerless in MP, Pilot has substantial power in Rajasthan Congress. He himself is Deputy CM. Apart from that, he is also head of Congress organisation in Rajasthan. This puts him in a powerful position. In MP, Kamalnath was CM as well as PCC Chief. This left nothing for Scindia.

No family history with BJP

While Scindia’s father, grandmother and aunts had a history of being in BJP, Pilot does not have that benefit. Such links are used to get a better position within the new party. Further, his wife- Sara Abdullah Pilot- is the sister of Omar Abdullah, former CM of J&K and National Conference leader. It will negatively impact his decision to join BJP.

The seat difference in Rajasthan

While Congress outscored BJP in MP by a slim margin, in Rajasthan the margin was comprehensive. Against BJP’s 72 seats, Congress has 107 seats in the 200 member assembly. It also has support of various allies and commands support of 120 MLAs in the state. 25 MLAs are not going to make up the difference.

The 25 cannot vote for BJP due to anti-defection law. If all 25 resign, the strength of assembly becomes 175 and 88 MLAs are needed to prove majority. Congress still will have 82 MLAs and support of some more. BJP will still be at 72 and with allies 76. So, Sachin Pilot does not have the wherewithal to unseat the Congress govt as of now.

BJP offers no further benefit to Pilot

Sachin Pilot is already party Chief in state and also Deputy CM. BJP cannot promote him to CM. It is easier to do in small states of North East, where BJP had no leaders of its own, but unlikely in front of Vasundhara Raje and other heavyweight leaders. So Pilot gets no benefit from being in BJP unless he wants to enter politics at Delhi.

BJP already has too many leaders

BJP already has too many leaders in Rajsthan and it is difficult to manage their expectations. Inclusion of Pilot will lead to giving tickets to all of his loyalists. Similar experience in Karnataka and MP has not been pleasant. Shivraj Singh has expressed the disaffection with Scindia group already and the cabinet is imbalanced in favour of Gwalion region. It is unlikely that BJP will take risk of upsetting its own leaders in Rajasthan, where it is unlikely to come in power even after that.

Conclusion

The mainstream media thrives on sensationalism. It would be better if it put all these facts in front of people and show them a true picture.

My assessment is that Sachin Pilot will not join BJP in the current situation. What he wants is more influence over the party in Rajasthan. In wake of leadership change in Gujarat, he may want to protect his position as PCC chief. He may also want to send a message to Gehlot that he has options and can destabilise him. Finally, it is likely that he wants more of his MLAs included in cabinet and withdrawal of cases against himself. We will keep watching future events with deep interest.

author: https://pawanpandey.in/author/pawan/

Read More

आत्मनिर्भर जोक्स | Aatm Nirbhar jokes in hindi | atmanirbhar jokes in hindi | aatm nirbhar memes in hindi

July 08, 2020

Aatm Nirbhar Jokes in Hindi

आत्मनिर्भर बनने के चक्कर में
खुद ही नोट मत छाप लेना
– रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया

Atma Nirbhar Banane Ke Chakkar Mein
Khud Hee Not Mat Chhaap Lena
– Reserve Bank of India


आम का सीजन है
चाकू पर निर्भर न रहें
खुद ही चूसकर खाएं
आत्मनिर्भर बनें

Aam Ka Seejan Hai
Chaakoo Par Nirbhar Na Rahen
Khud Hee Choosakar Khaen
Aatmanirbhar Banen

आत्मनिर्भर जोक्स

एक आदमी ने अपनी बीवी को तलाक दे दिया
ये कहकर की अब मैं आत्मनिर्भर बनना चाहता हूँ,
अगले ही दिन पड़ोसी ने
उस औरत से शादी कर ली
और कहा की मैं लोकल माल लो सपोर्ट करूँगा ।

Ek Aadmi Ne Apni Biwi Ko Talaq De Diya
Ye Keh Kar Kee Ab Main Aatmanirbhar Banana Chahta Hoon,
Agale Hee Din Padosi Ne
Us Aurat Se Shaadi Kar Lee
Aur Kaha Kee Main Local Maal Lo Saport Karoonga .


Me: "Alexa! Play me a song.."

Alexa: "आत्मनिर्भर बन bsdk, और खुद गा"
😐😐😐😒

Read More

Best Pizza Brand in India

July 07, 2020

According to me, these are the most loved pizza brand in India:
  1. Mozo Pizza
  2. Oven Story
  3. Pizza Hut
  4. Onesta
  5. Domino’s Pizza
  6. Pizza Corner
  7. Papa John’s
  8. US Pizza
  9. Smokin’ Joe’s Pizza
  10. Sal’s Pizza
  11. California Pizza
  12. Chicago Pizza
  13. Eagle Boys

1. Mozo Pizza: 
Very Good in Taste. Must try once. for this brand is better than Domino’s and Pizza Hut.

2. Oven Story:
The Oven Story pizza brand offers a world-class experience of local flavors and Indian-made pizza. The pizza brand is available in a wide range of cities and tries to reach the maximum number of clients promoting the services.

Read More