हर बार जब आप सिनेमा हॉल में जाते थे तो एक फिल्म देखने के लिए आप हमेशा जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कुछ विज्ञापन देखते थे। उनमें से एक "नो-स्मोकिंग" का लोकप्रिय विज्ञापन है।
उस प्यारी सी लड़की को याद करें जो अपने पिता को धूम्रपान करते हुए देखकर अपना चेहरा सिकोड़ लेती है, और फिर अपने पिता द्वारा सिगरेट फेंकने के बाद मुस्कुराती है। खैर, जो लोग उसके बारे में जानते थे, उनके लिए उसका नाम सिमरन नाटेकर है। वह अब एक सुंदर अभिनेत्री के विज्ञापन में एक प्यारी सी छोटी लड़की से बड़ी हुई है, और पूरी तरह से पहचानने योग्य नहीं है। उसका परिवर्तन आपको चौंका देगा और आप उसे अपना दिल दे सकते हैं।
यहां देखें सिमरन नाटेकर की कुछ तस्वीरें जो आपको उनके दीवाने बना सकती हैं:
भारत एक और न्यूक्लियर मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) यह परीक्षण 8 नवंबर को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम तट से करेगा. बताया जा रहा है कि पानी के अंदर बने एक प्लेटफॉर्म से इसकी लॉन्चिंग की जाएगी. (प्रतीकात्मक फोटो)
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, जिस न्यूक्लियर मिसाइल का परीक्षण भारत करने जा रहा है उसका नाम है के-4 न्यूक्लियर मिसाइल. यह मिसाइल 3500 किमी दूर तक सटीक निशाना साध सकती है. यह देश की दूसरी अंडरवॉटर मिसाइल है. (प्रतीकात्मक फोटो)
इसके पहले B0-5 न्यूक्लियर मिसाइल का भारत ने सफल परिक्षण किया था. जिसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर से भी अधिक है. इस लिहाज से देखा जाए तो के-4 भारत की सबसे शक्तिशाली अंडर वॉटर मिसाइल होगी. (प्रतीकात्मक फोटो)
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इससे पहले 700 किमी मारक-क्षमता वाली बीओ-5 मिसाइल तैयार की थी. डीआरडीओ सूत्रों का कहना है कि के-4 का परीक्षण पिछले ही महीने करना था, लेकिन किसी कारण से इसे टाल दिया गया. (प्रतीकात्मक फोटो)
मालूम हो कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के अलावा भारत ऐसा छठा देश है जिसके पास अंडर वॉटर न्यूक्लियर मिसाइल है. 2016 देश में बनी पहली न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत को अगस्त 2016 में नेवी के बेड़े में शामिल किया गया था.(प्रतीकात्मक फोटो)
सूत्रों का कहना है कि आईएनएस अरिहंत से न्यूक्लियर मिसाइल दागी जाएगी. कहा जा रहा है कि डीआरडीओ अगले कुछ हफ्तों में अग्नि-3 और ब्रह्मोस मिसाइल के परीक्षण की योजना भी बना रहा है.(प्रतीकात्मक फोटो)
गोवा में घूमना देशी और विदेशियों की पहली पसंद होता है और वहां प्राकृतिक सुंदरता को लोग जी भरकर कैमरे में कैद करते हैं. नए साल के मौके पर गोवा में पूरी दुनिया के लोगों को जमावाड़ा होता है. इसी गोवा के एक गांव में फोटो खींचने पर टैक्स लगा दिया गया. जब एक शख्स ने 500 रुपये का टैक्स भरा और उसकी रसीद सोशल मीडिया पर अपलोड की तो यह मामला तेजी से वायरल हो गया.
गोवा की एक ग्राम पंचायत पर्रा में फोटो खिंचवाने या वीडियो बनाने के लिए स्वच्छता कर देने का जगह-जगह बोर्ड लगा दिया गया था. यह गांव इसलिए भी खास है कि यह गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रीकर का गांव है. इस गांव की सड़कों और चर्च में शाहरुख खान की फिल्म 'डियर जिंदगी' फिल्म की शूटिंग भी हुई थी.
दरअसल, यहां की एक सड़क बहुत खूबसूरत है. इस सड़क के दोनों तरफ नारियल के पेड़ लगे हैं और चारों तरफ हरियाली है. ऐसे में इस सड़क का फोटो बहुत शानदार आता है. इस फोटो को खींचने के लिए यहां दिन भर गाड़ियों की भरमार रहती है और लोग वीडियो और फोटो बनाते रहते हैं.
इस बात से यहां के स्थानीय लोग परेशान हो गए और उन्होंने जगह-जगह 'स्वच्छता कर' के नाम पर बोर्ड लगा दिए. इसके बाद यहां फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक टैक्स लगने लगा. उस टैक्स की जद में आए एक भुक्तभोगी ने यह सारा मामला सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया.
इस बात से गोवा प्रशासन के कान खड़े हो गए और उन्होंने आनन-फानन में ग्राम पंचायत द्वारा लगाए इस टैक्स को खत्म करवाया. प्रशासन को डर था कि यदि गोवा में इस तरह दूसरे गांवों में भी टैक्स लगा दिया गया तो इससे पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगा.
जिन चेहरों को देखकर लोग मुंह फेर लेते हैं, उन चेहरों के साथ खूबसूरती की सरताज ने हंसते हुए समय बिताया और उनके साथ फोटो भी खिंचवाए. आगरा पहुंची मिस यूनिवर्स ग्रेट ब्रिटेन एमा जेनकिंस ने एसिड अटैक पीड़ित लड़कियों से मुलाकात की. (Photo: Facebook)
मिस यूनिवर्स ग्रेट ब्रिटेन ने न सिर्फ एसिड अटैक पीड़ितों का हालचाल जाना, बल्कि उनके साथ फोटो भी खिंचवाई. (Photo: Facebook)
एमा जेनकिंस को अपने बीच पाकर एसिड अटैक पीड़िताएं काफी खुश नजर आईं. (Photo: Facebook)
मिस यूनिवर्स ग्रेट ब्रिटेन ने एसिड अटैक पीड़िताओं के हौसले की तारीफ की और उनके गए द्वारा किए गए स्वागत और सम्मान पर आभार भी जताया.
मीडिया से हुई बातचीत में एमा जेनकिंस ने एसिड अटैक की घटनाओं को डरावना बताया और कहा कि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगना चाहिए. भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में इस तरह की एसिड अटैक की घटनाएं सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि एक महिला के लिए यह बेहद मुश्किल भरा समय होता है.
इस मौके पर मीडिया से बातचीत में एमा जेनकिन्स ने आगरा और दिल्ली में एयर पॉल्यूशन पर अपनी चिंता जताई और लोगों से ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की अपील की. (Photo: Facebook)
होटल शिराज में एसिड पीड़ित महिलाओं से मिलने के बाद एमा जेनकिंस शाम के वक्त ताजमहल की खूबसूरती देखने पहुंचीं. एमा ताजमहल को देखकर बेहद खुश हुईं.
अपने आगरा दौरे को लेकर मिस यूनिवर्स ग्रेट ब्रिटेन एमा जेनकिंस बेहद उत्साहित नजर आईं.
इस हफ़्ते मंगलवार से चार दिन और अगले हफ़्ते तीन दिन सुनवाई के हैं जो कुल सात दिन बनते हैं. अगले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अवकाश है.
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. रिटायरमेंट से पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बचे सात दिनों में चीफ़ जस्टिस गोगोई की बेंच पांच अहम मामलों पर फ़ैसला सुनाएगी. इस हफ़्ते मंगलवार से चार दिन और अगले हफ़्ते तीन दिन सुनवाई के हैं जो कुल सात दिन बनते हैं. अगले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अवकाश है.
ये पांच अहम मामले हैं-
1. सुप्रीम कोर्ट में देश का सबसे बड़ा फ़ैसला अयोध्या केस में राम मंदिर विवाद पर सुनाया जाएगा.
2. राफेल मामले में 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के सुनाए गए निर्णय की पुनर्विचार की मांग के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा व अरुण शौरी समेत कई अन्य लोगों की तरफ से दाखिल याचिका पर लेना है निर्णय.
3. राफ़ेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पुराने फ़ैसले को लेकर चुनावी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ के नारे का इस्तेमाल करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल सुप्रीम कोर्ट की अवमानना याचिका पर देना है निर्णय.
4. केरल के सबरीमाला मंदिर में हरेक आयु की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की दोबारा समीक्षा के लिए दाखिल याचिकाओं पर पांच सदस्यीय संविधान पीठ को करना है विचार.
5. दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए सीजेआई ऑफिस को सूचना अधिकार कानून के दायरे में लाने के आदेश के खिलाफ 2010 में सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल व सेंट्रल पब्लिक इंफार्मेशन ऑफिसर की तरफ से दाखिल तीन याचिकाओं पर चार अप्रैल को सुरक्षित रखे गए निर्णय को सुनाना.
दिल्ली : दिल्ली के लोग साफ हवा में सांस ले सकें, इसके लिए किसानों को मजबूर किया जा रहा है कि पराली जलाना बंद करें. इस बीच दिल्ली वाले अपनी गाड़ियों से डीजल का धुआं निकालते रहेंगे, जेनरेटर सेट चलाते रहेंगे और पटाखे तो वे फोड़ेंगे ही.
दिल्ली में इस मौसम में प्रदूषण के तीन बड़े कारण हैं. सबसे बड़ी वजह है यहां की प्राइवेट गाड़ियां. दूसरी वजह है आस-पास के इलाकों में किसानों द्वारा खेतों में जलाए जाने वाले खूंट, जिसे इस इलाके में पराली और कुछ इलाकों में पुआल कहा जाता है. तीसरी वजह है इस समय फोड़े जाने वाले पटाखे.
लेकिन दिल्ली का मीडिया इस समय इस अंदाज में खबरें छाप रहा है मानो पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली वालों के दुश्मन हैं और अपनी मस्ती के लिए खेतों में पराली जलाकर दिल्ली वालों को बेदम कर रहे हैं.
प्रदूषण पर बहस की शुरुआत इस हफ्ते की शुरुआत में मीडिया में चली इस खबर से हुई कि दिल्ली में वायु प्रदूषण में पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली का योगदान 35 प्रतिशत है. इसके साथ ही दिल्ली के प्रभावशाली लोगों को प्रदूषण का विलेन मिल गया और किसानों के खिलाफ माहौल बनना शुरू हो गया.
फिर जैसा कि होता है कि विलेन की घर-पकड़ शुरू हो गई. हरियाणा के फतेहाबाद जिले में एक ही दिन में 17 किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है. पंजाब और हरियाणा में मिलाकर सैकड़ों की संख्या में ऐसी एफआईआर दर्ज हुई हैं. किसानों पर पराली जलाने के अपराध में जुर्माना लगाया जाएगा.
दिल्ली के लोग साफ हवा में सांस ले सकें, इसके लिए हरियाणा पुलिस ने स्पेशल टीम बनाई है, जो खेतों में खूंट जलाने वाले किसानों को देखते ही उनके खिलाफ कार्रवाई करती है. यह सब सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों पर हो रहा है. हरियाणा में ऐसी कार्रवाईयों की संख्या साल में एक हजार को पार कर जाती हैं. पंजाब ने इस साल किसानों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने खेतों में पराली जलाई तो उन्हें अगले साल खेती करने के लिए जमीन लीज पर नहीं मिलेगी.
इस तरह दिल्ली के एक-तिहाई प्रदूषण से निबटने के लिए सरकार, पुलिस और न्यायपालिका की सख्ती जारी है.
बाकी दो तिहाई प्रदूषण का क्या हो रहा है?
पराली जलाने का प्रदूषण तो साल में सिर्फ 15 दिनों का है, जब खरीफ, मुख्य रूप से धान, की फसल कट चुकी होती है और रबी की फसल के लिए खेत तैयार किए जाते हैं. फिर ऐसा क्या है कि दिल्ली की हवा साल भर गंदी रहती है? दिल्ली का प्रदूषण कोई मौसमी समस्या तो है नहीं. जब किसान पराली नहीं जलाते हैं तब दिल्ली की हवा को प्रदूषित कौन करता है.
इसमें कोई राज़ नहीं है. पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण का कहना है कि दिल्ली का 40 प्रतिशत प्रदूषण गाड़ियों की वजह से है. चूंकि दिल्ली में तमाम कॉमर्शियल गाड़ियां सीएनजी से चल रही हैं, इसलिए अंदाजा लगाया जा सकता है कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारें प्रदूषण की मुख्य वजह हैं. इसके अलावा डीजल जनरेटर सेट भी प्रदूषण फैलाते हैं. जिस तरह किसानों को पराली जलाने से रोका जा रहा है, क्या उसी तरह दिल्ली में डीजल और पेट्रोल की कारों को बैन किया जा सकता है?
दिल्ली के इलीट का मिजाज
दिल्ली की कोठियों और अपार्टमेंट में एक और ही दुनिया बसती है. अगर उनकी सप्लाई का पानी खराब है तो वे बोतल का पानी पी लेंगे. अगर बिजली जाने से समस्या है तो वे डीजल जेनरेटर सेट लगा लेंगे. अगर सुरक्षा की जरूरत हो तो वे इक्विपमेंट लगाने के साथ ही प्राइवेट सिक्युरिटी गार्ड रख लेंगे. जीवन की हर समस्या का उनके पास प्राइवेट समाधान है, जो बाजार में पैसे चुकाने पर उपलब्ध है. लेकिन हवा एक ऐसी चीज है, जो उन्हें बाकी लोगों के बराबर खड़ा कर देती है. बेशक एयर प्यूरीफायर आदि के जरिए इस समस्या का भी समाधान खोजने की कोशिश हो रही है. लेकिन उनकी सीमाएं हैं.
हवा साफ हो, इसके लिए कारों की संख्या कम करना, एसी कम चलाना, जेनरेटर का इस्तेमाल कम करना जैसे उपाय किए जा सकते हैं. लेकिन इनका बोझ उठाने को ये वर्ग तैयार नहीं है. इसलिए वे चाहते हैं कि प्रदूषण कम करने का बोझ किसानों के कंधों पर डाल दिया जाए.
और फिर पटाखे भी तो फोड़ने हैं
पिछले साल दिल्ली के लोगों ने 50,00,000 किलो पटाखे दिवाली के दिन फोड़ डाले. इस साल का कोई आंकड़ा अब तक आया नहीं है. ये पटाखे तब फोड़े जा रहे हैं, जबकि दिल्ली में ग्रीन या इको-फ्रैंडली पटाखों के अलावा किसी और तरह के पटाखे बेचने पर पाबंदी है. लेकिन दिल्ली के लोग कहां मानने वाले? उन्होंने आसपास के शहरों से पटाखे लाकर दिवाली मना ली. हालांकि इंडियन कौंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ने इको फ्रैंडली पटाखे बनाए हैं. लेकिन दिल्ली में इनकी नाम मात्र की ही बिक्री हो रही है. 50 लाख किलो पटाखे फोड़ने वाली दिल्ली में पुलिस ने इस साल 3,500 किलो पटाखे जब्त करने खानापूर्ति कर दी है. 166 विक्रेताओं को गिरफ्तार भी किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश और सरकार को धता बताते हुए इस साल दिल्ली के लोगों ने दिवाली के दिन #CrackersWaliDiwali का हैशटैग ट्रैंड कराया और साथ में पटाखे फोड़ने की तस्वीरें पोस्ट कीं. अगले ही दिन दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर चले जाने की खबरें आईं. लेकिन दोष किसानों के सिर पर डाल दिया गया.
किसान मस्ती के लिए नहीं जलाते पराली
पटाखे फोड़ने की मस्ती से अलग, किसानों के लिए पराली जलाना उनकी मजबूरी है. पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश भारत के वो इलाके हैं, जहां हरित क्रांति सफल रही. इसकी वजह से इस इलाके के खेतों में साल में तीन फसलें ली जाती हैं. इसका पराली जलाए जाने से सीधा संबंध है. पंजाब के कृषि सचिव कहान सिंह पन्नू ने दिप्रिंट को बताया कि चूंकि रबी की फसल कटने के फौरन बाद गेहूं बोने का समय आ जाता है, और इन दोनों के बीच ज्यादा मोहलत नहीं होती, इसलिए किसान धान की फसल के खेत में बचे हुए हिस्सों को जला देते हैं, ताकि उनके खेत अगली फसल के लिए तैयार हो जाएं.’
अदालतों की सख्ती के बाद सरकार पराली जलाने की प्रथा बंद कराने के लिए कमर कस चुकी है. फसल कटाई की मशीन में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम यानी पौधे को नीचे से काटने की प्रणाली लगाने के लिए सरकार 50 परसेंट तक सब्सिडी दे रही है. इसके बावजूद किसान को ऐसा एक सिस्टम लगाने पर 50,000 रुपए से ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं. यानी दिल्ली के लोग साफ हवा में सांस ले सकें, इसके लिए किसानों को मजबूर किया जा रहा है कि वे अपनी जेब से रुपए खर्च करें. इस बीच दिल्ली वाले अपनी गाड़ियों से डीजल का धुआं निकालते रहेंगे, जेनरेटर सेट चलाते रहेंगे और पटाखे तो वे फोड़ेंगे ही. वह भी तब जबकि दिवाली का पटाखों से कोई संबंध नहीं रहा है. भारत में पटाखों की पहली फैक्ट्री ही 1830 के आसपास कोलकाता में लगी.
कुल मिलाकर दिल्ली को साफ हवा देने का दायित्व किसानों का है और दिल्ली वाले इस बीच दिल्ली को हवा को प्रदूषित करते रहेंगे. ये पुराने जमाने की वर्ण व्यवस्था जैसा मामला है जो शक्ल बदलकर आज भी जारी है. इसमें कुछ लोग उपभोग करते हैं और बाकी लोग सेवा करते हैं. अब कुछ लोग प्रदूषण फैलाते हैं और बाकी लोगों से कहा जाता है कि वे हवा साफ रखें. ऐसा न करने वालों के लिए दंड का प्रावधान है.
मैडम आज ना डांटना हमको आज हम खेले गाएंगे साल भर हमने किया इंतज़ार आज हम बाल दिवस मनाएंगे
Maidam Aaj Na Daantana Hamako Aaj Ham Khele Gaenge Saal Bhar Hamane Kiya Intazaar Aaj Ham Baal Divas Manaenge
Bal Diwas Shayari in Hindi
आज का दिन है बच्चों का कोमल मन का और कच्ची कलियों का मन के सच्चे ये प्यारे बच्चे चाचा नेहरु को हैं प्यारे बच्चे
Aaj Ka Din Hai Bacchon Ka Komal Man Ka Aur Kacchi Kaliyon Ka Man Ke Sacche Ye Pyare Bacche Chacha Nehru Ko Hai Pyaare Bacche
बाल दिवस पर शायरी हिंदी में
माँ की कहानी थी, परियों का फ़साना था; बारिश में कागज़ की नाव थी; बचपन का वो हर मौसम सुहाना था। ... बाल दिवस की शुभ कामनायें!
Maa Ki Kahani Thi, Pariyon Ka Fasana Tha Barish Mein Kagaz Ki Naav Thi Bachpan Ka Wo Har Mausam Suhana Tha ... Baal Diwas Ki Shubh Kaamnaayein
बाल दिवस पर शायरी हिंदी
खबर ना होती कुछ सुबह की ना कोई शाम का ठिकाना था थक हार के आना स्कूल से पर खेलने तो जरूर जाना था
Khabar Naa Hoti Kuchh Subah Kii Na Koi Shaam Ka Thikana Tha Thak Haar Ke Aana School Se Par Khelne To Jarur Jaanaa Tha
चिल्ड्रन डे पर शायरी
फूलों के जैसे महकते रहो पंछी के जैसे चहकते रहो सूरज की भांति चमकते रहो तितली के जैसे मचलते रहो मम्मी डैडी का आदर करो सुन्दर भावों से मन को भरो ये है हमारी शुभ कामना हँसते रहो, मुस्कुराते रहो ... हैप्पी बाल दिवस
Phoolo Ke Jaise Mahkte Raho Panchhi Ke Jaise Chahkte Raho Sooraj Ki Bhanti Chamkte Raho Titali Ke Jaise Machlte Raho Mummy Daddy Ka Aadar Karo Sundar Bhavon Se Man Ko Bharo Ye Hai Humari Shubhkaamna Hanste Raho Muskuraate Raho ... Happy Baal Diwas
children's day shayari in hindi
बच्चो के आंसू कड़वे होते हैं उन्हें मीठा करिये बच्चो की जिज्ञासा गहरी होती है उसे शांत करिये बच्चो का दुःख तीव्र होता है इसे उससे ले लें बच्चो का दिल कोमल होता है इसे कठोर ना बनाएं
Baccho Ke Aansoo Kadwe Hote Hain Unhein Meetha Kariye Baccho Ki Jigayasa Gehari Hoti Hai Use Shaant Kariye Baccho Ka Dukh Triv Hota Hai Ise Usse Le Lein Bacchon Ka Dil Komal Hota Hai Ise Kathor Na Banayen
बाल दिवस शायरी
अचकन में फूल लगाते थे हमेशा ही मुस्कुराते थे बच्चों से प्यार जताते थे चाचा नेहरू प्यारे थे
Achkan Mein Phool Lagaate The Humesha Hii Muskuraate The Baccho Se Pyaar Jataate The Chacha Nehru Pyaare The
फूलों के जैसे महकते रहो पंछी के जैसे चहकते रहो सूरज की भांति चमकते रहो तितली के जैसे मचलते रहो मम्मी डैडी का आदर करो सुन्दर भावों से मन को भरो ये है हमारी शुभ कामना हँसते रहो, मुस्कुराते रहो ... हैप्पी बाल दिवस
Phoolon Ke Jaise Mahakate Raho Panchhee Ke Jaise Chahakate Raho Sooraj Kee Bhaanti Chamakate Raho Titalee Ke Jaise Machalate Raho Mammee Daidee Ka Aadar Karo Sundar Bhaavon Se Man Ko Bharo Ye Hai Hamaaree Shubh Kaamana Hansate Raho, Muskuraate Raho ... Haippee Baal Divas,
चाचा नेहरू आपको सलाम, अमन शांति का दे पैगाम, जंग को जंग से तूने बचाया, किया अपना जन्मदिवस बच्चों के नाम |
Chaacha Neharoo Aapako Salaam, Aman Shaanti Ka De Paigaam, Jang Ko Jang Se Toone Bachaaya, Kiya Apana Janmadivas Bachchon Ke Naam |
जब थे दिन बचपन के वो थे बहुत सुहाने पल उदासी से न था नाता गुस्सा तो कभी न था आता
Jab The Din Bachpan Ka Wo The Bahut Suhaane Pal Udaasi Se Na Tha Naataa Gussa To Kabhi Na Tha Aata
मेग व्हिटमैन (नंबर 89), शेरिल सैंडबर्ग (नंबर 18) और ओपरा विनफ्रे (नंबर 20) के मामले में, यह है, लेकिन सच्ची शक्ति इस बात पर निर्भर करती है कि महिलाएं अपने प्रभाव का उपयोग कैसे करती हैं। धन जरूरी समझता है कि कोई शक्तिशाली है; अन्यथा 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची की तुलना में इस पर सिर्फ 13 अरबपतियों की संख्या अधिक होगी।
यह देखते हुए कि महिलाएं अपने पैसे से क्या करती हैं जो उन्हें शक्तिशाली बनाता है। अमेरिका में वॉलमार्ट की किस्मत और सबसे अमीर महिला की वारिस ऐलिस वाल्टन इस पावर लिस्ट में नहीं हैं। लेकिन वॉलमार्ट इंटरनेशनल के सीईओ और अध्यक्ष जुडिथ मैककेना (नंबर 21), जो 26 देशों में 6,000 से अधिक खुदरा स्टोर और 700,000 सहयोगियों का नेतृत्व करते हैं, सूची में हैं। मैं इसलिए हूं क्योंकि फोर्ब्स को इस बात की परवाह है कि महिलाएं अपने धन और प्रभाव के साथ क्या कर रही हैं।
इस आगे की सूची में 13 अरबपति शामिल हैं, जिनकी कुल संयुक्त संपत्ति $ 86.7 बिलियन है। कुछ लीड एसएंडपी 500 कंपनियां जैसे कि सफरा कैटज़ (नंबर 14) या जूडिथ फॉल्कनर (नंबर 72), झोउ क्यून्फेई (नंबर 68) और किरण मजुमदार-शॉ (नंबर 67) जैसी कंपनियों की स्थापना की। इस महत्वपूर्ण सूची की महिलाओं में से सात को फोर्ब्स ने स्व-निर्मित के रूप में नामित किया है, जिन्होंने अपने भाग्य का निर्माण करने के लिए काम किया है। भले ही इन महिलाओं ने अपने पैसे कमाए या विरासत में हासिल किए, वे सभी सक्रिय रूप से उस शक्ति का उपयोग कर रहे हैं जो उनके व्यवसायों, गैर-लाभकारी और परोपकारी कार्यों के माध्यम से परिवर्तन पैदा करने के लिए प्रदान करता है। डिजिटल निवेश मंच एल्लेवेस्ट की कॉफाउंडर और सीईओ सल्ली क्रॉचेक का मानना है कि यह चलन 2020 और आने वाले वर्षों में बढ़ेगा।
क्रैचेक का कहना है, "शक्तिशाली महिलाओं के साथ अन्य महिलाओं के लिए खड़े होने और अन्य महिलाओं के निवेश और समर्थन के साथ एक विवर्तनिक परिवर्तन होता है, जो एक पीढ़ी पहले ऐसा नहीं था।" महिलाओं को एहसास हो रहा है कि लिंग विविधता पर्याप्त तेजी से नहीं बढ़ रही है, इसलिए वे इसे तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। "अगर हम प्रतीक्षा करते हैं तो हम हमेशा के लिए इंतजार करेंगे," वह कहती हैं।
इस 31 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में अरबपति हैं और उनके संबंधित शुद्ध मूल्य हैं: