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Best 2 Lines Shayari in Hindi, दो लाइन के शेर | अध्याय 8

August 25, 2022

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Na Garz Kisi Se,
Na Wasta,
Mujhe Kaam Hay Apne Kaam Se……
Tere Zikr Se ,
Teri Fikar Se ,
Teri Yaad Se ,
Tere Naam Se…..



Wada Humne Kiya Tha Nibhane K Liye…!!
Ek Dil Diya Tha Ek Dil Paane K Liye…!!

Usne Hume Mohhabbat Sikha Di Or Kaha…!!
Humne Tumse Mohhabbat Ki Thi Kisi Or Ko Jalane K Liye…!!



राजा का बेटा भलेह ही नन्गा पैदा हुवा हो।।
पर होता तो वो राजकुमार ही है।।।।



दिल को आता है जब भी ख़याल उनका,

तस्वीर से पूछते हैं फिर हाल उनका.
वो कभी हमसे पुछा करते थे जुदाई क्या है,

आज समझ आया है सवाल उनका…



लाजिमी है उसका खुद पे गुरूर करना,

हम जिसे चाहे वो मामूली हो भी नही सकती…..



दूर जाके भी सकूं न मिला ….
पास रहते थे तो कहते थे तुम परेशान करते हो।



सौ खामियाँ मुझमे सही मगर,

इक खूबी भी है,

अपनों को आज तक पराया नहीं किया….



यूँ तो मसले और मुद्दे बहुत हैं …….लिखने को मगर ,

कमबख्त़ इन कागज़ों को तेरा ही ,
ज़िक्र अज़ीज़ है …



तरस जाओगे हमारे मुँहसे सुननेको एक लव्ज़
प्यारकी बात क्या,
हम शिकायत भी ना करेंगे…



ऐसी तकदीर न पाई थी कि तुमको पा सकता…
ऐसी याद्दाश्त न मिली थी कि तुमको भुला सकता..



अभी इतनी जल्दी क्या है मुझे छोड़ने की,

मेरी साँसें अभी बाकी हैं,
और कोशिश करलो तोड़ने की…!



मैं न अन्दर से समंदर हूँ न बाहर आसमान,
बस मुझे उतना समझ जितना नज़र आता हूँ मै ……



यूँ तो कई बार भीगे बारिश में,
मगर ख्यालों का आँगन सूखा ही रहा,

जब आँखों की दीवारें गीली हुई
उसकी यादो से,

तब ही जाना हम ने बारीश क्या होती है..



एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..



“सोचा था घर बनाकर बेठुंगा सुकून से,
पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना डाला..



मेरी झोली में कुछ अल्फाज़ अपनी दुआ के दाल देना ए दोस्त…
क्या पता तेरे लब हीले और मेरी तकदीर सवर जाए ।



‘सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता ”



नया हू अभी धिरे धिरे सिख जाऊंगा..

पर किसीके सामने झुक कर अपनी पेहचान
नहि बनाऊंगा…..



मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला
अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता… !



Pyar Har Waqt Saath Rehta Hai … 
Kyun Ki Pyar Waqt Se Nahin,
Usse Kiya Jaata Hai Jiske Saath Waqt Guzaarte Hain…



नामुमकिन ही सही मगर…
मोहब्बत ‘तुझ’ ही से है…!



Mujhe Pankh Na Do E Mere Maula….
Mere Khuda Zameen Par Hi Rehte Hai!



Meri Chahaten Tumse Alag Kab Hain,
Dil Ki Batain Tumse Chupi Kab Hain,

Tum Saath Raho Dil Main Dhadkan Ki Jaga,
Phir Zindagi Ko Sanson Ki Zarurat Kab Hai…..



प्यार में कोई तो दिल तोड़ देता है;
दोस्ती मेँ कोई तो भरोसा तोड़ देता है;


जिंदगी जीना तो कोई गुलाब से सीखे;
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है…..



Itni Sidat Se Bhi Pyar Na Karna Kabhi Kisise
Bahut Gehrayi Mai Jane Wale Aksar Doob Jate Hai…



Apne Haatho Ki Hatheli Par..
Uska Naam To Likh Liya..

Par Ye Bhi Na Socha Ki
Taqdeer To Khuda Likhta Hai..



याद वोह नहीं जो अकेले आये।।
याद तो वोह हे जो महेफिल में आये…
और अकेला कर जाये।।।।



कहेनेको तो……..
आंसू अपने होते है,

पर …..
देता कोई और है……



अपनी तन्हाई में खलल यूँ डालूँ सारी रात …
खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूँ “कौन” ?



कैसे रहेगी ज़िंदा ये तहजीब सोचिए….
स्कूलों से ज्यादा शहर में मयखाने हो गए…



क्लास में आख़िरी बेन्च पर जो कुरेद कर तुम्हारा नाम लिखा था,
ज़िन्दगी की सब से लम्बी कहानी वही तो थी ….



मेरे बारे में,
अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,

“मुझसे” भी बुरे हैं लोग,
तू घर से निकलकर तो देख ।।



Dard Se Itna Gehra Rishta Hogya Hai,
Na Main Uske Siwa Jee Sakta Hun,
Aur Nahi Woh Mujhe Jeene Detaa Hai.



भूल जाना ‘मुझे’ इतना आसान नहीं है…
बातों बातो में ही बातों से निकल आऊंगा॥



जब भी तूट कर बीखरता हुं मे
दुगुना हो कर नीखरता हु मे…



मेरे यार मुख्तसर सी बात है ,
मुझे तुम से बेइंतिहा प्यार है ….



मुझ से दुरीयां बना कर तो देखो,
फिर पता चलेगा िकतना नज़दीक़ हुँ मै..



Kat Rahi Hei Zindagi Rote Hue
Aur Wo Bhi Aap Ke Hote Hue..



कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं? 
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ? 
“मौसम” की या “अपनों” की..


बात वफाओँ की होती तो कभी ना हारते हम..
खेल नसीबोँ का था भला उसे कैसे हराते.!



मोहब्बत के बिना ज़िन्दगी फिजूल हैं,
पर मोहब्बत के भी अपने उसूल हैं,

कहते हैं मिलती हैं मोहब्बत में बहुत उल्फ़ते,
पर आप हो महबूब तो सब कबूल हैं.



हर रिश्ते का नाम जरूरी नहीं होता मेरे दोस्त..

कुछ ”बेनाम” रिश्ते..
रुकी जिंदगी को सांस देते है..



Namumkin Hain Es Dil Ko Samaj Pana,
Kyuki Dil Ka Ek Alag Hi Dimag Hota Hai…



Zindagi Tou Apne Kandho Pe Jee Jati Hai Mere Dost,
Dusro Ke Kandho Per Tou Sirf Jannaze Uthte Hai..



Acha Lagta Hai Tera Naam Mere Naam Ke Sath..

Jaise Koi Subah Judi Ho,
Kisi Haseen Shaam Ke Sath..



आज जब मौत हमे लेने आई तो ये कह कर वापिस चली गयी..
ऐ दोस्त मैं ज़िंदगी उन की लेती हूँ जो ज़िंदा होते हैं..



वो रोई तो जरूर होगी खाली कागज़ देखकर,
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने ख़त में”!



जिस कश्ती के मुक़द्दर में हो डूब जाना ___!
तूफानों से बच भी निकले…तो किनारे रूठ जाते हैं..



Souchta Hun Unhe To Doob Sa Jata Hun….
Ankhain Hi Nahi Un Ki Yaadein Bhi Samander Hain…



जब मुझे यकीन है के खुदा मेरे साथ है।
तो इस से कोई फर्क नहीं पड़ता के कौन कौन मेरे खिलाफ है।।”



यूँ तो हम अपने आप में गुम थे,
सच तो ये है की वहाँ भी तुम थे..



हम कुछ इस तरह बिगड़े हुए खिलाडी है की..

अगर सामने वाले के पास तीन Aaa
भी हो तो भी Show उस्सी से करवाते है.



नफरत भी हम हेशियत देखकर करते हे,
प्यार तो बहुत दूर की बात हे..



कल न हम होंगे न कोई गिला होगा !
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिलसिला होगा !



कीस कदर मासूम सा लहजा था उसका..
धीरे से जान कहकर बेजान कर दीया..



तेरी यादों के लम्हे उन पुराने गानो की तरह .
जिनको कितना भी दौहराओ हर बार नये ही लगते है..



आदत हमारी “खराब” नही दोस्तो….
बस
जींदगी “नवाबी” जीते है…..



Diwangi Har Raz Khol Deti Hai,
Khamosi Bhi Har Baat Bol Deti Hai,

Shikayat Hai Muze Sirf Is Dunia Se,
Jo Dil Ke Jazbat Bhi Paiso Se Tol Detihai.



“Haseel Karke To Har Koipyar Kar Sakta Hai,
Magar Khokar Bhi Kisi Ko Chahna Hi Asli Pyar Hota Hai.



मेरे बटुए में तुम पाओगे अक्सर नोट खुशियों के,
मैं सब चिल्लर उदासी के अलग ‘गुल्लक’ में रखता हूं.‼



मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है कि
अब उसको प्यार से भी मैसेज करो,
तो वो पूछती है,
”कितनी पी है?”



हाँ है,
तो मुस्कुरा दे…
ना है,
तो नज़र फेर ले…
यूँ शरमा के आँखें झुकाने से उलझनें बढ़ रही हैं…!



बेचैनी जब भी बढ़ती है धुंए में उड़ा देता हूँ ,
और लोग कहते हैं मैं सिगरेट बहुत पीता हूँ… !



Khuwab Aankhon Se Churana Meri Aadat Nhi..
Kisi Apne Ko Bhulana Meri Aadat Nahi..

Palkain Bhigo Leta Hon Apno Ki Yaad Me..
Mgr Kisi Ko Rulana Meri Aadat Nahi…!



मौत सिर्फ नाम से बदनाम है,
वरना तकलीफ़ तो जिंदगी ही ज्यादा देती है.

और बीवी बी सिर्फ नाम से बदनाम है वरना 
तकलीफ़ में सिर्फ वही साथ देती है….



प्यार के दो मीठे बोल से खरीद लो मुझे ,
दौलत दिखाई तो सारे जहां की कम पड़ेगी…



मौत से तो दुनिया मरती है ,
आशिक तो प्यार से ही मर जाता है …



Naa Nikalna Idd Ke Din Kisse Masjid Ke Paas Se,
Kahin Loge Chand Samajh Ke Apna Roja Naa Tod De,

Aur Ho Ker Khafa Khuda,
Kahin Insaan Bannana Naa Chod De.



“ज़िंदगी से यू चले है इल्ज़ाम लेकर,
बहुत जी चुके उसका नाम लेकर,

अकेले बाते करेंगे वो इन सितारो से,
जब हम चले जाएँगे उन्हे सारा आसमान देकर”



Akele Hai To Kya Hua,
Ye Zindgi Bhi Guzar Jayegi….
Hum Apni Tanhai Mitane Ke Liye Kisi Ko Majbur Nahi Karte….!



ज़िन्दगी हो या शतरंज…
मज़ा तभी है दोस्त…..
जब रानी साथ हो….



रेत की जरूरत रेगिस्तान को होती है,
सितारों की जरूरत आसमान को होती है,

आप हमें भूल न जाना,
क्योंकी
दोस्त की जरूरत हर इंसान को होती है…….



अंत में लीखी है दोनों की बर्बादी,
आशीक़ हो या हो कोई आतंकवादी…



आज सोचा ज़िन्दा हूँ ,
तो घूम लूँ …
मरने के बाद तो भटकना ही है ।।



कितनी शराबें चढ़ाईं है
तब जा कर तुम उतरी हो..



तुम्हें अपना कहने की तमन्ना थी दिल में,
लबों तक आते आते तुम ग़ैर हो गए..



“हमारे आंसूं पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं,
उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं,

हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।”



चलो उसका नही तो खुदा का अहसान लेते है,
वो मिन्नत से ना माना तो मन्नत से मांग लेते है….



जो घरों को छोड़ के है चले
उन्हें क्या सतायेगे फासले ।।।

~ जावेद अख्तर



मोहब्बत मुक़द्दर है कोई ख्वाब नहीं,
ये वो अदा है जिसमे सब कामयाब नहीं..

जिन्हें पनाह मिली उन्हें उंगलियों पे गिन लो,
और जो बरबाद हुए उनका हिसाब नहीं..



आँधियों ने लाख बढ़ाया हौसला धूल का,
दो बूँद बारिश ने औकात बता दी !



लहरों से खेलना तो समंदर का शौख है।
लगती है चोट कैसे,
ये किनारो से पूछिए।



Kitne Sitam Karoge Is Toote Huve Dil Par,

Thak Kar Batana Jaroor,
Mera Jurm Kya Tha..



में बहता पानी हु मेरा रास्ता
बदल सकते हो मेरी मंजिल नहीं



कभी पिघलेंगे पत्थर भी मोहब्बत की तपिश पाकर
बस यही सोच कर हम पत्थर से दिल लगा बैठे..



दर्द इतना था ज़िंदगी में कि धड़कन साथ देने से घबरा गयी!
आंखें बंद थी किसी कि याद में ओर मौत धोखा खा गयी!



हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो !
ये ज़िन्दगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो….!



ए दिल ,
चल एक सौदा करते हैं ,

मैं उसके लिए तड़पना छोड़ देता हूँ ,
तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे …!



Kehnay Ko To Bohat Si Baatain Hain Is Dil Main….,

Mukhtasir Lafzon Main Meri
Aakhri Khawahish Ho Tum….



जीत कर दिखा दूँगा तुझे दुनिया से…
हर बार मैं ही हारू,
ज़रूरी है क्या…



इश्क की बहुत सारी उधारियां है तुम पर..
चुकाने की बात करो तो कुछ किश्तें तय कर लें…??



चुपके से नाम तेरे गुजार देंगे जिंदगी
लोगों को फिर बताएंगे,
प्यार ऐसे भी होता है॥



मैं लौट आया था जिस दीवार पे दस्तक दे कर।
सुना है अब वहां दरवाज़ा निकल आया है।



Khamoshiyon Me Ek Ada Itna Pyara Laga,
Aapka Pyar Hume Sabse Nyra Laga,

Yeh Na Tute Kabhi Yehi Dua Thi Meri,
Kyuki Yehi Ek Cheez Duniya Me Hume Hamara Laga…



यूँ ही मौसम की अदा देखकर याद आया है,
किस क़दर जल्द बदल जाते हैं इंसान,
जाना|



पर्दा तो होश वालों से किया जाता है ,
बेनकाब चले आओ हम तो नशे में है..



”इंतहा तो देखो बेवफाई कि ……..
एग्जाम मे निबंध आया बेवफाई पर…………
बस एक नाम ‘तेरा’ लिखा और हम टाँप कर गये …….”



माना की तेरी हर चाल तेज हैं पर,
पगली
आजकल हमारा Craze हैं !



Aaj Unki Dosti Main Kuch Kami Dekhi,
Chand Ki Chandni Main Kuch Nami Dekhi,

Udaas Ho K Lout Aaye Hum Apny Ghar,
Unki Mehfil Jab Auron Se Jami Dekhi.



“मेरे इश्क में दर्द नहीं था पर दिल मेरा बे दर्द नहीं था,
होती थी मेरी आँखों से नीर की बरसात,
पर उनके लिए आंसू और पानी में फर्क नहीं था ”



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Best 2 Lines Shayari in Hindi, दो लाइन के शेर | अध्याय 7

August 25, 2022

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प्यार को जब प्यार से प्यार हुवा
तो प्यारने प्यारको प्यारसे पुछाः
प्यार केसा होता है ?


तो प्यारने प्यारको प्यारसे कहाः
जो ईश प्यारीसी शायरी को पढ रहा है
प्यार उनके जैसा प्यारा होता है….



जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं,
क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं,

तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ,
गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं.



तक़दीर का ही खेल है सब,
पर ख़्वाहिशें है की समझती ही नहीं…..



Jo Kabhi Teri Nazar Se Guzar Jaya Kerte Hain…
Woh Sitare Aksar Toot Ke Bikhar Jaya Kerte Hain…



“नही है हमारा हाल,
कुछ तुम्हारे हाल से अलग,

बस फ़र्क है इतना,
कि तुम याद करते हो,
और हम भूल नही पाते.”



जो कभी हंस के मिलते थे वो अब इल्ज़ाम देते हैं,

वक़्त की बात है,
लोग बदले गिन-गिन के लेते हैं…



हमें पसन्द नहीं जंग में भी चालाकी,
यारो….
जिसे निशाने पे रखते हैं,
बता के रखते हैं…..



अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलिया…
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती…



मोहब्बत को इसकी बदमिज़ाजी ने ही बदनाम कर रखा है,
क़दरदानों से कोसों दूर पड़ी रहती है बे-क़द्रों की ‘जूतियों’ के नीचे…!



Mat Kar Pyar Mujhse Ay Ajnabi,
Sab Ko Pata Hai Main Zamane Mein Badnaam Hoon……!



मैं तो इसलिए चुप हूँ
कि तमाशा ना बन जाये…….!

और तुम ये समझ बैठे कि..
मुझे तुमसे गिला कुछ नहीं…….!



बस एक तुमको न जीत सके हम,

उम्र बीत गयी,
खुद को जुआरी बनाते बनाते..



अच्छे दोस्तोँ की तलाश तो कमजोर दिल वालोँ को होती है…
बडे दिल वाले तो हर दोस्त को अच्छा बना लेते हैँ….



बच्चे उस गरीब के खा सके खाना त्योहारों में,
तभी तो भगवान भी बिक जाते है बाजारों में ।।



क़ायनात की सबसे महंगी चीज एहसास है
जो दुनिया के हर इंसान के पास नहीं होता



लोग इश्क से न जाने क्यों डरते हैं
हम तो मोहब्बत की ताक में रहते हैं…



“कोई एक शख्स तो यु मिले,

कि वोह मिले तो,
सुकून मिले…..



उसकी हसरत को मेरे दिल में लिखने वाले !
काश उसे भी मेरे नसीब में लिखा होता !



लोग वाकिफ हे मेरी आदतों से ..

रुतबा कम ही सही पर,
लाजवाब रखते है……



मेरे तो दर्द भी औरो के काम आते है…..
मै रो पङुं तो कई लोग मुस्कराते है !



बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की;
कोई किसी को टूट कर चाहता है;
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।



कल तेरा ज़िक्र आ गया घर में,
ओर…घर देर तक महकता रहा.!



मंज़िलों से गुमराह भी ,
कर देते हैं कुछ लोग ।।
हर किसी से ,
रास्ता पूछना ,
अच्छा नहीं होता ।।।



ये सोच के नज़रें मिलाता ही नहीं…
कि आँखें कहीं ज़ज्बात का इज़हार न कर दें |



यूं न पढ़िए कहीं कहीं से हमें,

हम इंसान हैं,
किताब नही.



बहुत ही नाजो से चूमा उसने लबो को मेरे मरते वक्त।
कहने लगीमंजिल आखिरी है रास्ते मेँ कहीँ प्यास न लग जाए॥



तू देख या न देख,
तेरे न देखने का ग़म नहीं ।


पर तेरी ये न देखने की अदा,
देखने से कम नहीं…



वक़्त भी लेता है करवटें कैसी कैसी,
इतनी तो उम्र भी ना थी जितने सबक सीख लिए हमने..



इक तेरे बगैर ही ना
गुज़रेगी ये ज़िन्दगी मेरी…
बता मैं क्या करूँ
सारे ज़माने की ख़ुशी लेकर….



सरकार ढूंढ-ढूढ कर सिर्फ 
“काले धन” वालो को ही पकड़ रही है..
“काले मन” वाले निश्चिन्त रहें….



ए नींद अब ले चल मुझे ख्वाबों की वादियों में,
कि कब से बैठा हुं मैं तैयार दीदार-ए-यार के लिये.



अपने गमो की तू नुमाइश न कर,
यूँ क़ुदरत से लड़ने की कोशिश न कर,

जो हे कुदरत ने लिखा वो होकर रहेगा,
तू उसे बदलने की आजमाइश न कर ।।



Qabool E Jurm Karte Hain Tumhare Qadmon Mein Gir Ke….
Saza E Moat Hai Manzoor..
Magar Terii Judaii Nahiii.



बड़ा मीठा नशा था उसकी याद का,
वक्त गुजरता गया और हम आदी होते गए..



Tumse Milta Hoon To Iss Soch Main Pad Jata Hoon,
Waqt Ke Paon Zanjeer Main Dalu Kaise…



जब भी वो मुस्कुरा क्र बात करती है….
मुझे अपने दिल की फिकर लग जाती है……..



हम आज भी अपने हुनर मे दम रखते है ।।
फट जाती है लोगो की जब हम कदम रखते है।।



नमक तुम हाथ में लेकर,
सितमगर सोचते क्या हो,

हजारों जख्म है दिल पर,
जहाँ चाहो छिड़क डालो.



अब तेरा नाम हथेलियों पर नहीं लिखते हम,
कारोबार में सबसे हाथ मिलाना पड़ता है..



Main Tabah Hoon Tere Pyar Mein,
Tujhe Dusro Ka Khayal Hai…
Dost
Kuch Mere Masle Par Gaur Kar Meri Zindagi Ka Sawal Hai…



Aur Kya Dekhne Ko Baki Hai
Aap Say Dil Laga K Dekh Liya..



जब जब में लेता हूँ साँस तू याद आती है,
मेरी हर एक साँस मे तेरी खुश्बू बस जाती है,

कैसे कहूँ तेरे बिना में ज़िंदा हूँ,
क्यूंकी हर साँस से पहले तेरी खुश्बु आती है…



कुछ ठोकरों के बाद समझदार हो गए,
अब दिल के मशवरों पर अमल नहीं करते..



टूटा हुआ फूल खुश्बू देता है;
बीता हुआ पल यादें देता है;
हर शख्स का अपना अंदाज़ होता है;


कोई प्यार में ज़िंदगी,
तो कोई ज़िंदगी में प्यार दे जाता है !



ये मोहब्बत का बंधन भी कितना अजीब होता है
मिल जाये तो बातें लम्बी,
और बिछड़ जाये तो यादें लम्बी….!



Bahut Der Kardi Tumne Is
Dhadkan Ko Mehsus Karne Mai,

Wo Dil Ab Nilaam Ho Gaya Jisko 

Hasrat Kabhi Tumhari Hua Karti Thi .



सफ़ाई देने में,
और स्पष्ट करने में अपना समय बर्बाद न करें. 

लोग वही सुनते है,
जो वे सुनना चाहते हैं….



Namak Tum Haath Me Lekar,
Sitamgr Sochte Kyu Ho ?
Hazaaro Jakhm H Dil Pr,
..
Jahaan Chaaho Whaa Chidko…



तड़पती देखता हूँ जब कोई चीज,
उठा लेता हूँ
अपना दिल समझकर….



Na Ji Bhar K Daikha Na Kuch Baat Ki,
Badi Arzu Thi Mulaqat Ki.



मत किया करिये दिन के उजालों की ख्वाहिशें ऐ हजूर,

ये आशिक़ों की बस्तियाँ हैं यहाँ सूरज से नहीं,
दीदार से दिन निकलता हैं।



दीखाने के लीए तो हम भी बना सकते है ताजमहल,
मगर मूमताज को मरने दे हम वो शाहजहा नही…!



“नीलाम कुछ इस कदर हुए,
बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज,

बोली लगाने वाले भी वो ही थे,
जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे!



Ye Jo Har Mod Pe Milne Aa Jaati Hai Mujh Se,
Bad Naseebi Bhi Kahi Meri Diwaani To Nahi..



सूकून का एक लम्हा भी मयस्सर नहीं मुझको…
मोहब्बत को सुलाता हूँ तो तेरी यादें जाग जाती है..



बेवफाई तो सभी करते है…
तुमतो समजदार थे,
कुछ और करते…!



हज़ार चेहरों में उसकी झलक मिली मुझको;
पर दिल की ज़िद्द थी,
अगर वो नहीं तो उस के जैसा भी नहीं…



बहुत जुदा है औरोँे से े मेरे दर्द की कहानीँ,
जख्म का कोई निशाँ नहीँ और दर्द की कोई इँतहा नहीँ।



हर शख्स को नफरत झूठ से है,

मैँ परेशा हूँ सोच कर कि फिर ये झूठ
बोलता कौन है…….



Teri Jeet Se Zyaada To
Meri Har Ka Charcha Hai.



Mera Qaatil Pareshan Hai
Meri Maa Ki Duaon Se


Wo Jab Bhi Waar Karta Hai
Khanjar Toot Jaata Hai…



Khusbu Teri Muje Mehka Jati Hai,
Teri Har Baat Muje Behka Jati Hai,


Sans Ko Bahut Der Lagti Hai Aane Mein,
Har Sans Se Pehle Teri Yaad Aa Jati Hai.



“क़िफ़ायती दरो पर एहसास बिक रहे हैँ….
चलो थोड़े तुम खरीद लो,
थोड़े मैं ख़रीद लू…”



इश्क का धंधा बड़ा ही गन्दा..
मुनाफे में “जेब” जले..
और घाटे में “दिल”



अपने मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है
गरीबी जानती है घर में बिछौने कम हैं…



Pyar Mohobat Ishq Ye Sab Badnam Hai,
Sacchi Mohobat Karna Ek Ilzam Hai,

Meri Mano Kbi Pyar Mat Karna,
Kyonki,

Pyar Mai Ladko Ko Dokha Dena Ladkiyon Ka Kaam Hai,



Ho Jaun Itna Madhosh Tere Pyar Mai
Ke Hosh Bhi Aane Ki Ijaazat Maange..



ये कैसा इंतकाम है यारों.,
की जिस शक्स पर ये दिल पलों में फिदा हुआ था….,

आज “मोहल्लत” माँग रहा है उससे “जुदा” होने को …



सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं…



Sodhi Sakso Ghar Tame Maru Tarat,
Saat Sapna Nu Suku Toran Hase.



Ek Hi Dar Ho Tou Sajdo”N Mein Sukoon Milta Hai…
Bhatak Jatay Hyn Wo Log Jin K Kai Khuda Hotay Hyn…!



जी रहे है कपडे बदल बदल कर,
एक दिन एक कपडे में ले जायेंगे कंधे बदल बदल कर,



“लफ़्ज़ों में क्या लिखूं
उस “रब” की तारीफ मैं,

“जो मांगू तो ‘नवाज़’ देता है,
न मांगूं तो ‘बे-हिसाब’ देता है..



शीशे में डूब कर पीते रहे उस ‘जाम’ को…
कोशिशें तो बहुत की मगर,
भुला न पाए एक ‘नाम’ को !



तेरे एक-एक लफ्ज़ को हज़ार मतलब पहनाये हमने…
चैन से सोने ना दिया तेरी अधूरी बातों ने…



हाथ पर हाथ रखा उसने तो मालूम हुआ ,
अनकही बात को किस तरह सुना जाता है !



बाज़ार के रंगों से रंगने की मुझे जरुरत नहीं…
किसी की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है….



मुझे एसी शराब बता ये दोस्त
नशा-ए-इश्क उतार पाऊ मै..



मुस्कराहट भी मुस्कराती है ……
जब वो आपके होंठो से होकर आती है…..



सँभाले तो हूँ ख़ुद को तुझ बिन मगर
जो छू ले कोई तो बिखर जाऊँ मैं…



“Yeh Sharaab Yeh Jaam Hum Hosh Gawaa Baithe,
Yeh Husan Yeh Adaa Ab Hosh Me Aayein Kaise.”



सालो गुजर गए रोकर नहीं देखा
आँखों में नींद थी सोकर नहीं देखा


वो क्या जाने दर्द मोहोबत का
जिसने कभी किसी को खोकर नहीं देखा.



प्यास अगर मेरी बुझा दे तो मैं मानू…..

वरना….
तू समन्दर है,
तो होगा,
मेरे किस काम का ??



अब अपने ज़ख़्म दिखाऊँ किसे और किसे नहीं …!
बेगाने समझते नहीं और अपनोको दिखते नहीं…..



मैंने बचपन में एक बार माँ से कहा,
मां कचरेवाला आया है,

मां ने जवाब दिया,
बेटा कचरे वाले तो हम हैं,
वो तो सफ़ाई वाला है,



रकीबों के सर गलत इल्जाम ए बेवफाई है
गैरों ने तो सिर्फ हवा दी है..
आग तो अपनों ने
ही लगायी है….!



बस एक चेहरे ने तनहा कर दिया हमे वरना!
हम खुद में एक महफ़िल हुआ करते थे.



खुद पुकारेगी मंज़िल तो ठहर जाउंगा……
वरना मुसाफिर खुद्दार हूँ,
गुज़र जाउंगा…..



पूछो ना उस कागज़ से जिस पे;
हम दिल के मुकाम लिखते है;
तन्हाइयों में बीती बातें तमाम लिखते है;


वो कलम भी दीवानी हो गई;
जिस से हम आप का नाम लिखते है।



Aur Kitne Imtehan Lega Waqt Tu…..
Zindagi Meri Hai To Fir Marzi Teri Kyu ???



कुछ पल के लिए ही अपनी बाहों मे सुला लो 
‘जान’ अगर आँख खुली तो उठा देना अगर ना खुली तो दफ़ना देना……!



मुफ्त मे अहसान न लेना यारों ,
दिल अभी ओर भी सस्ते होंगे बाज़ार में …….!



Itni Hasrat Se Na Dekh ‘Aasman’ Ko Aye Dost….
Wo Sitara Tut Chuka Jiski Tuje Talaash Hai.



जिस दिन आपने अपनी सोच बड़ी कर
ली ,

बड़े बड़े लोग आपके बारे मे सोचना शुरू कर देंगे..



Ye Mera Ishq Tha Ke Deewangi Ki Inteha
Tere Qareeb Se Guzar Gaye Tere Hi Khayalon Mein..



Ankhe Ro Padhi Unka Na Paigam Aaya,
Chale Gaye Humein Akela Chhod Ke Ye Kesa Mukam Aaya,

Meri Tanhai Hansi Mujhpe
Aur Boli Bata
Aakhir Mere Siva Tere Kon Kaam Aaya…???



मेरी तन्हाई मार डालेगी दे दे कर तानें मुझको
एक बार आ जाओ इसे तुम खामोश कर दो….



ना पीने का शौक था,
ना पिलाने का शौक था,
हमे तो सिर्फ नझर मिलाने का शौक था,

पर क्या करे यारो,
हम नझर ही उनसे मिला बैठे,
जिन्हे; सिर्फ; नझरो से पिलाने का शौक था!



हजारो मयखाने शहर में तेरे …. आबाद हो गए,
इश्क़ में ना जाने कितने आशिक़ बर्बाद हो गए ।।



किसी के पाँव से काँटा निकाल कर देखो..!
तुम्हारे दिल की ‘चुभन’ जरूर कम होगी..!




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Best 2 Lines Shayari in Hindi, दो लाइन के शेर | अध्याय 6

August 25, 2022


2 Lines Shayari in Hindi

Pyaar Karna Tumne Sikhaya,
Pyaar Pe Yakeen Karna Tumne Sikhaya,

Sapne Sajana Tumne Sikhaya,
Bas Tumhare Bina Jeena Nahi Sikhaya…


दो लाइन के शेर

इस दुनिया में कुछ अच्छा रहने दो,

बच्चों को बस,
बच्चा रह ने दो …


बहुत शौक है न मुझे मार डालने का तुझे !

एक काम करो,
लगा के ज़हर होंठो पे,
मेरी बाहों मे आ जाओ !!


पता तो मुझे भी था कि लोग बदल जाते
है……..

पर मैने तुम्हे कभी उन लोगो मे गिना नही था…


Main Chaahata Bhi Yahi Tha Woh Bewafa Nikle..
Use Samajhne Ka Koi Toh Silsila Nikle.


Hum Nahin Chhahte Dariya Pe Huqumat Karna,

Ek Qatra Hi Sahi ;
Pyaas Bujha De Koi.


Kaha Sirf Usne Itna Tha Ki,
Tumhari Khamosi Mujhe Bahot Pasand Hai.


Itna Sunna Tha Ki Humne Apni Shor ,
Machaati Dhadkane Bhi Rok Li.


Rulane Me Aksar Unhi Ka Haath Hota Hai,

Jo Kehte He Ki….
Tum Haste Huye Bahut Aache Lagte Ho..


खुबसूरत रिश्ता है मेरा और खुदा के बीच में,
ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं..


” हमेशा हँसते रहिये,
एक दिन ज़िंदगी भी
आपको परेशान करते करते थक जाएगी ।”


अब हमें भी नहीं रखना शौक तेरी मुहब्बत का,
जो रुला सकता है वो भूला भी सकता है….


Sahil Pe Khade Dekha Hai Armaano Ko Doobte Hue,
Chhodd Denge Zindagi Ka Saath Bhi Hum Yunhi Muskurate Hue…!


वो परिंदा था..
खुले आसमां में उड़ता था..

इश्क हुआ..
सुना अब जमीं पे रेंगता है…


“मेरी शायरी को इतनी शिद्दत से ना पढ़िए..
गलती से कुछ याद हो गया तो मुझे भुला ना पाओगे”..


सफ़ाई देने में,
और स्पष्ट करने में अपना समय बर्बाद न करें. लोग वही सुनते है,
जो वे सुनना चाहते हैं.


न जाने किस के मुकद्दर में लिखे हो तुम मगर,
ये सच है की उमीदवार हम आज भी हैं..


बस…कंठ ही हमारा नीला नही है …..

वरना ..
जहर तो हमने भी कम नही पिया………..


अब क्या याद करने पर भी जुर्माना करोगे
वो भी चुका देंगे तो क्या बहाना करोगे ?


शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया..


हाथ देखने वाले ने तो परेशानी में डाल
दिया मुझे,

बोला के मौत नही किसी की याद मार डालेगी तुझे…


बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो,
धूप आये तो सरसों पीली न हो,

ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि,
तेरी याद आये और पलकें गीली न हों।


उस घडी मेरा इश्क हदें भूल जाता है,
जब लडते लडते वो कहती हैं: 

“लेकिन प्यार मैं ज्यादा करती हू तुमसे” !


Honth Mila Diye Usne Mere Hontho Se Ye Keh Kar………
Sharab Peena Chhod Doge To Ye Jaam Roz Milega …….


ऐ दिल थोड़ी सी हिम्मत कर ना यार:
दोनों मिल कर उसे भूल जाते है। …..


Khud Hi Na Chupa Sake Wo Apne Chehre Ko Naqaab Main
Be Waja Hamari Aankhon Pe Ilzaam Aa Gaya…


Jemne Bhuli Jata Varso Thaya,
Yaad Aavya Ek Amathi Vaat Ma.


हँसते हुए लोगों की संगत ईत्र की दुकान जैसे होती है,

कुछ ना खरीदो
फिर भी रूह महका देते है …….


करीब आओगे तो शायद हमें समझ लोगे,
ये फासले तो ग़लतफ़हमियां बढ़ाते है।


मेरे हालत की नज़ाक़त से अभी नावाकिफ़ हो तुम…
हम उसे भी जीना सिखा देते है,
जिसे मरने का शौक हो…!


‪मेरी उम्र उसके ख्याल मेँ गुजरी,
मेरा ख्याल जिसे उम्र भर ना आया……..


Dekho Fir Raat Aa Gai,
Good Night Kahne Ki Bat Yaad Aa Gai,

Hum Baithe The Sitaro Ki Panah Mein,
Chand Ko Dekha To Aap Ki Yaad Aa Gai.


सुना है तुम ले लेते हो हर बात का बदला…
आजमाएंगे कभी तुम्हारे लबो को चूम कर…


तुझसे मोहब्बत तो तेरी औकात से ज्यादा ही की थी………….
अब बात नफ़रत की है,
तो…. तु सोच तेरा क्या होगा………???


Shikayat Kyu Karoon Ye To Kismaton Ki Baat Hai..
Main Teri Soch Me Bhi Nahi Or Mujhe Tu Lafz Lafz Yaad Hai.!


‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में…
जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से ।।।


यूँ तो ये गिलास कितना छोटा है
पर न जाने कितनी बोतलें पी गया होगा…


Ye Zalzalay Yunhe Besabab To Nahi Aatay
Zaroor Zameen K Neechay Koi Dewana Tadapta Hoga


“नसीब का लिखा तो मील ही जायेगा,

या रब,
देना हे तो वो दे जो तकदीर मे ना हो”..


अजनबी थे तो अच्छा था….
इस जान पहचान ने कम्बखत…. 

फासले बढ़ा दिए…


“पहुँच गए हैं,
कई राज मेरे गैरों के पास,

कर लिया था मशवरा,
इक रोज़ अपनों के साथ…!


हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते ;
क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की ।


”दोनों ही भागीदार हैं बराबर इस जुर्म मैं…”
”मैं मुस्कराया तब था जब नजर तुमने मिलाई
थी…”


पतंग सी हैं जिंदगी,
कहाँ तक
जाएगी…..

रात हो या उम्र,
एक ना एक दिन कट
ही जाएगी….!


तेरी आँखों का वोड़का…
तेरी मुस्कराहट का चखना..


कुछ तुम बांट लेना कुछ मैं बांट लूंगा । 
यूं कम हो जाएंगे गम जिंदगी के ।।


मेरी यादों की कश्ती उस समुन्दर में तैरती है,
जहाँ पानी सिर्फ और सिर्फ मेरी पलकों का होता है..


Main Teri Yaad Se Ek Pal To Nikal Paoon ..
Mere Khuda Mujhe Itna To Bewafa Karde…


एक ही चौखट पे सर झुके तो सुकून मिलता है ..
भटक जाते हैं वे लोग जिनके सैकडों खुदा होते हैं..


अरमान ही बरसो तक जला करते है हमेशा ,
इंसान तो इक पल मे खाक हो जाता है !


तेरे चले जाने के बाद
मोहब्बत नहीं की किसी से
छोटी सी जिन्दगी में
किस किस को आजमाते…


मुझको हँसते हुए इस दुनिया से रुखसत कीजे
कोई रोता है भला जब कोई घर जाता है


दर्द दे कर इश्क़ ने हमे रुला दिया,
जिस पर मरते थे उसने ही हमे भुला दिया,

हम तो उनकी यादों में ही जी लेते थे,
मगर उन्होने तो यादों में ही ज़हेर मिला दिया.


हर दुआ मे शामिल तेरा प्यार है..
बिन तेरे लम्हा भी दुशवार है..

धड्कनों को तुझसे ही दरकार है..
तुझसे हैं राहतें.. तुझसे है चाहतें..


Koi Kehta Hai Pyaar Nasha Ban Jata Hai .
Koi Kehta Hai Pyaar Saza Ban Jata Hai .


Par Pyaar Karo Agar Sachche Dil Se .
To Wo Pyaar Hi Jine Ka Waja Ban Jata Hai..


निकलते है तेरे आशिया के आगे से,
सोचते है की तेरा दीदार हो जायेगा,

खिड़की से तेरी सूरत न सही तेरा साया तो नजर आएगा…


ख़ामोशी बहुत कुछ कहती हे ,
कान लगाकर नहीं ,
दिल लगाकर सुनो !


Ishq Nazuk Mizaaz Hei Behad…
Aql Ka Bojh Utha Nahi Sakta…


रंज ये नही कि जो मिले वो पत्थर के लोग थे,
अफ़सोस ये है कि उनमे चंद मेरे घर के लोग थे…!


पैसा कमाने के लिए इतना वक़्त खर्चा ना करो कि.
पैसा खर्च करने के लिए वक़्त ही ना मिले।


Mai Jab Bhi Dekhtaa Hu Maa Ki Aankho Ko To Lagtaa Hai….
Yahi Wo Ik Jagah Ab Tak Jahaa Sachchaai Rahati Hai !


जल रही है सिगरेट खत्म
हो रही जिन्दगी अजीब
इत्तेफाक है ये धीरे धीरे ही सही..


Yu Alfaazo Ki Ahemiyat Na Badhaaiye,
Ashqo Ki Bhi Apni Ek Jubaan Hoti Hei..


वक़्त छीन लेता है बहुत कुछ,
खैर मेरी तो सिर्फ मुसकराहट थी !


Ajeeb Tarah Se Naakam Rahe Hum Dono.
Aap Hume Chah Na Sake…
Aur Hum Apko Bhula Na Sake…


एक तुम भी ना कितनी जल्दी सो जाते हो…
लगता है इश्क को तुम्हारा पता देना पड़ेगा!


चलो आज फिर मिटटी से खेलते है दोस्तों,
हमारी उम्र ही क्या थी जो दिलो से खेल बैठे.


वो साथ था तो …मानो जन्नत थी ज़िन्दगी……!
अब तो हर साँस ज़िंदा रहने की वज़ह पूछती है…!


चांद को देखो कीतना मीलता है हम दोनोसे.
तुझ जैसा हसीन और मुझ जैसा तनहा.


हकीक़त थी,
ख्वाब था
या तुम थे,

जो भी था,
हम तो उसी में गुम थे…!


Hum To Manzil Ki Aur Nikal Pade
Hai,

Dekhenge Pehle Khuda Milta Hai Ya Tu.


सिगरेट जलाए बिना दिन बीत जाता हैं 
मगर तुमसे बात किए बिना नहीं…

मेरी आदतें बिगाड़ते,
तुम एक बुरी आदत बन गयी हो।


लाजिमी नहीं की आपको आँखों से ही देखुं।
आपको सोचना आपके दीदार से कम नहीं।।


मेरे आंसू और तेरी यादों का कोई तो रिश्ता जरूर है..
कमबख्त जब भी आते है दोनों साथ ही आते है………


तेरे दिल तक पहुँचे मेरे लिखे हर लब्ज,
बस इसी मकसद से मेरे हाथ कलम पकड़ते है….


हमारा हक तो नही है फिर भी ये तुमसे कहतेहै …..
हमारी जिँदगी ले लो मगर उदास मतरहा करोँे………


इस कश्मकश में सारा दिन गुज़र जाता हे 
की उससे बात करू या उसकी बात करू..


वादो से बंधी जंजीर थी जो तोड दी मैँने,

अब से जल्दी सोया करेँगेँ,
मोहब्बत छोड दी मैँने..


मैं “किसी से” बेहतर करुं
क्या फर्क पड़ता है!

मै “किसी का” बेहतर करूं
बहुत फर्क पड़ता है!


मुहमाँगा दाम दूंगा यारों मुझे एक ऐसे काबिल सपेरे से मिला दो
के जो के आस्तीन में छुपे साँपों को बाहर निकाल सके…..


Na Samajh Sakoge Qayamat Tak Jise Tum,
Qasam Tumhari Tumhen Itna Pyar Karte Hain..


ये “शायरी” लिखना उनका काम नहीं,
जिनके “दिल” आँखों में बसा करते हैं..

“शायरी” तो वो सख्श लिखते है,
जो शराब से नहीं “कलम” से “नशा: करते हे..


दील भी आज मुझे ये कह कर डरा रहा है,
करो याद उसे वरना मै धड़कना छोड़ दूँगा…!


मेरी चाहत को मेरे हालत के तराजु में नां तोल,

मैंने वो जखम भी खाऐं हैं
जो मेरी किसमत में नहीं थे…


ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं,
महोब्बत का गम दिल पे उठाऐ हुऐ हैं,


खिलौना समझ कर हम से ना खेलो,
हम भी उसी खुदा के बनाऐ हुऐ हैं..


चेहरे की हंसी से ग़म को भुला दो,
कम बोलो पर सब कुछ बता दो.
खुद ना रुठों पर सब को हँसा दो,

यही राज है ज़िंदगी का,
कि जियो और जीना सिखा दो…..


Are Tuje Aese Hi Yaad Nahi Karta Hu,
Pagal Jese Ab Muje Aadat Ho Gai He Jaam Ki,

Is Dil Ko Bhi Dhadakne Ke Liye 

Rishwat Chahiye Tere Naam Ki..


अजीब अँधेरा है ऐ इश्क तेरी महफिल मे ,
किसी ने दिल भी जलाया तो रौशनी न हुई…


हम ना बदलेंगे वक्त की रफ़्तार के साथ ,
हम जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा ।


तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो,
दोस्त…
ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता…!


हम ने एक असूल पे सारी उम्र गुज़ारी है;
जिस को अपना जान लिया फिर उस को परखा नहीं..


आपको मिस करना रोज़ की बात हो गई,
आपको याद करना आदत की बात हो गई,

आपसे दूर रहना किस्मत की बात हो गई,
मगर इतना समझ ऐ मेरे प्यारे अजीज की


आपको भूलना,
अपने बस से बहार की बात हो गई,


जिंदगी जला दी हमने जैसे जलानी थी,

अब धुऐं पर तमाशा कैसा
राख पर बहस कैसी…


कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी…
बुझ जाऊंगा किसी रोज़ सुलगते – सुलगते…


दुआ कबुल हो ज़ाये तो कैसा रोना ,
हर बार निशाना मोहब्बत पर तो नही होता!


“न जाने कब खर्च हो गये ,
पता ही न चला,

वो लम्हे ,
जो छुपा कर रखे थे जीने के लिए”…


बड़े सुकून से वो रहता है आज कल मेरे बिना,
जैसे किसी उलझन से छुटकारा मिल गया हो उसे..


अभी तो बस इश्क़ हुआ है,
मंजिल तो मयखाने में मिलेगी.


चंद फासला जरूर रखि‍ए हर रि‍श्‍ते के दरमियान…
कयोकि बदलने वाले अक्‍सर बेहद अजीज ही हुआ करते हैं…..


कयामत टूट पड़ती है ज़रा से होंठ हिलने पर …
ना जाने क्या हश्र होगा अगर वो मुस्कुराये तो…


“ठहर सके जो ……..
लबों पे हमारे,

हँसी के सिवा,
है मजाल किसकी”..


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