ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है | कुमार विश्वास कविता

 ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !

मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!

मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !

ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!